उज्जैन। इसे उज्जैन एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला का चमत्कार नहीं तो और क्या कहेंगे ? उज्जैन जिले में पुलिस विभाग की 25% कर्मचारियों अधिकारियों की कमी है , इस परिस्थिति के बावजूद पिछले 2 महीने में ऐसे 14000 प्रकरणों का निराकरण हो चुका है.. जिन पर धूल चढ़ी हुई थी। पूरे मामले को हम विस्तार पूर्वक समझाते हैं।
जब भी कोई अपराध या अन्याय होता है तो शिकायतकर्ता न्याय पाने के लिए कई चरण से गुजरता है। सबसे पहले वह थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराता है ।फरियादी की एफ आई आर दर्ज होने के बाद पुलिस पूरे मामले की विवेचना करती है और दोषी के खिलाफ सबूत एकत्रित करने के साथ-साथ विभिन्न लोगों के बयान दर्ज करती है। इसके बाद पूरा मामला भारतीय दंड संहिता की धाराओं के साथ चार्जशीट के जरिए न्यायालय पहुंचता है। न्यायालय में पूरा मामला चलता है फिर माननीय न्याायधीश द्वारा फैसला दिया जाता है। कई मामलों में देखने में आता है कि फरियादी की शिकायत पर दर्ज तो जाती है मगर चार्जशीट न्यायालय तक पहुंचने में लंबा वक्त लग जाता है। ऐसे में फरियादी को न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
ऐसे मामलों की सूची उज्जैन जिले में 14000 के आसपास थी। इसमें शहर के मामलों की संख्या लगभग 8395 के लगभग थी। पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने पदभार संभालने के बाद पेंडिंग अपराधों की पूरी सूची तैयार करवाई। इसके बाद पेंडिंग मामले का निराकरण करना शुरू किया गया। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि 2 महीनों में लगभग 14000 मामलों का निराकरण हो चुका है । इनमें ऐसे कई मामले हैं जो चार्जशीट के जरिए नहीं न्यायालय नहीं पहुंच पाए थे। इस अभियान में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह चौहान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आकाश भूरिया, सभी सीएसपी, टीआई की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
आगे क्या होगा..?
पुलिस ने पेंडिंग अपराधों को चार्जशीट के साथ न्यायालय में पेश कर दिया है। अब न्यायालय में पूरी प्रक्रिया के माध्यम से वाद चलेगा, जिसके बाद माननीय न्यायालय द्वारा फैसला सुनाया जाएगा। ऐसे में हजारों की संख्या में फरियादियों को न्याय के लिए अब अधिक वक्त इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि न्याय मिलने में देरी भी फरियादियों को विचलित कर देती है और इससे अपराधियों को काफी बल मिलता है, इसलिए पुलिस ने अब नई प्रक्रिया के जरिए पेंडिंग अपराधों को धड़ाधड़ निपटाना शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने की तारीफ..
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उज्जैन जिले में चलाए जा रहे अभियान को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला की तारीफ की है वीडियो गाना चेकिंग के दौरान कई बार उज्जैन का जिक्र करते हुए दूसरे जिले में भी ऐसा अभियान चलाने को कहा गया है उल्लेखनीय है कि उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के आदेश पर मिलावटखोरों और माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है जबकि पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला के निर्देश पर माफियाओं के मकान भी सोने जा रहे हैं उज्जैन में अभी तक अपराधिक प्रवृत्ति के 28 लोगों के मकान तोड़े जा चुके हैं।
अब 8.5 प्रतिशत अपराध पेंडिंग..
पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल द्वारा पेंडिंग अपराधियों को निपटाने के लिए चलाए जा रहे अभियान में हजारों की संख्या में पुराने अपराधियों में चार्जशीट फाइल हो चुकी है। अब उज्जैन जिले में पेंडिंग अपराधियों पर नजर दौड़ाई जाए तो उनकी संख्या साढे 8% ही रह गई है जोकि धीरे-धीरे और भी घट रही है। अभी साल 2020 में और भी कुछ दिन बाकी है ऐसी स्थिति में पेंडिंग अपराधों की संख्या 4% तक आने की पूरी संभावना है।