उज्जैन। विश्व भर में आकर्षण का केंद्र मानी जाने वाली भस्म आरती में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए क्या उज्जैन तैयार है ? यह प्रश्न काफी गंभीर होने के साथ-साथ विचारणीय भी है, जबकि वर्तमान परिस्थिति में 20 लाख की आबादी वाले उज्जैन जिले में महज चंद हजार लोगों को ही टीके लगे हैं।
कोरोना संक्रमण से भगवान महाकाल की नगरी काफी जद्दोजहद के बाद उबर पाई है। ऐसी स्थिति में छोटी सी गलती भी मुसीबत का कारण बन सकती है । उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने काफी अथक प्रयासों के बाद कोरोना पर काबू पाने में सफलता अर्जित की है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी दिन रात मेहनत की है, तब जाकर उज्जैन के लोग राहत की सांस ले पा रहे हैं ।
कोरोना की वजह से उज्जैन में काफी संख्या में लोगों की मौत भी हो चुकी है । गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पहली मौत राबिया बी की उज्जैन से ही सामने आई थी । ऐसी स्थिति में क्या भगवान महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती शुरू की जाना मुनासिब रहेगी ? यह प्रश्न लाखों लोगों के जहन में चुब रहा है । उज्जैन जिले की लोग काफी मशक्कत के बाद कोरोना के खतरे से उभर गए हैं । गौरतलब है कि भस्म आरती में शामिल होने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु उज्जैन आते हैं। ऐसी स्थिति में राजाधिराज महाकाल की भस्म आरती को लेकर रात 2:00 बजे से ही कतार लग जाती है। इसके बाद सुबह 6:00 बजे तक श्रद्धालु आपस में संपर्क में आते हैं । ऐसी स्थिति में संक्रमण को रोका जाना कितना मुश्किल भरा होगा ? यह समझना कठिन नहीं है।
उज्जैन में आने वाले दिनों में वीआईपी का आगमन होने वाला है । ऐसी स्थिति में भस्म आरती में प्रवेश शुरू किए जाने की कवायद चल पड़ी है। हालांकि भस्म आरती में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश दिया जाना इतना आसान नहीं है। उल्लेखनीय है कि महाशिवरात्रि पर्व के 9 दिन पहले से ही उज्जैन में उत्सव शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में भस्म आरती में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है । उन परिस्थितियों में भी संक्रमण को पूरी तरह रोक पाना संभव नहीं है । ऐसी स्थिति में भस्म आरती में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश दिया जाना खतरे से खाली नहीं माना जा सकता है ।
विदित है कि सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक होना थी लेकिन मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग की वजह से बैठक टाल दी गई । महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक और आईएएस अधिकारी नरेंद्र सूर्यवंशी की मौजूदगी में महत्वपूर्ण बैठक होगी। अब आखिरी निर्णय बैठक में ही होना है मगर कई लोग इस बात को लगातार उठा रहे हैं कि अभी भस्मारती में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश दिया जाना पूरी तरह उचित निर्णय नहीं है।