उज्जैन। देश के टॉप आईएएस में शुमार उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह उज्जैन विकास प्राधिकरण से ₹20 करोड लेने वाले हैं.. 20 करोड़ के एवज में उज्जैन विकास प्राधिकरण को 200 करोड़ की बेशकीमती जमीन दी जा रही है.. यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी रकम मध्य प्रदेश में किसी जिले में जिला प्रशासन को प्राधिकरण द्वारा दी जा रही है।
मध्य प्रदेश सरकार ने माफियाओं के खिलाफ अभियान के जरिए उज्जैन जिला प्रशासन को भी करोड़पति बना दिया है। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह बताया कि हरी फाटक ब्रिज के समीप 200 करोड़ की बेशकीमती जमीन को उज्जैन विकास प्राधिकरण के सुपुर्द कर दिया गया है । इसके एवज में उज्जैन विकास प्राधिकरण को बुधवार को 20 करोड़ का डिमांड नोट भेजा जा रहा है। यह ₹20 करोड़ उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा सरकारी खजाने में जमा कराए जाएंगे। उज्जैन कलेक्टर द्वारा अभी तक 500 करोड़ रुपए की जमीन कब्जे से मुक्त करा दी गई है। इसमें भैरवगढ़ क्षेत्र की भूमि भी शामिल है। इसके अलावा कवेलू कारखाने की भूमि पर अतिक्रमण हटाने का काम जारी है। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कब्जा हटाने के साथ-साथ उक्त भूमि पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की तैयारी भी कर ली है। इसी कड़ी में उज्जैन विकास प्राधिकरण से ₹20 करोड़ की आय होने वाली है जबकि उज्जैन विकास प्राधिकरण उक्त जमीन को बेचकर 200 करोड़ रुपए का मालिक बन जाएगा। इस प्रकार उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने आम के आम गुठलियों के दाम की कहावत को चरितार्थ कर दिया है। कलेक्टर आने वाले कुछ दिनों में और भी जमीनों पर सरकारी बोर्ड लग जाएगा, फिलहाल कुछ मामले माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। उनके फैसले का इंतजार किया जा रहा है।