उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने क्या देखा रात में 3 बजे अस्पताल में..

उज्जैन।  उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह रात करीब 3:00 बजे माधव नगर अस्पताल पहुंचे। पहले उन्होंने माधवनगर अस्पताल का निरीक्षण किया। इसके बाद आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सुबह 7 बजे वे वापस लौटे। कोविड अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने क्या बड़ी बात कही ? देखिए पूरी खबर।

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह कोरोना काल में अपनी मेहनत के कारण मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सुर्खियां बटोर चुके हैं। उन्होंने पीपीई किट पहनकर कई बार कोविड-19 मरीजों के साथ काफी समय बिताया। वर्तमान में भी उज्जैन के हालातों को लेकर चिंतित उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह लगातार अस्पतालों की व्यवस्थाओं को लेकर मानिटरिंग कर रहे हैं। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह माधव नगर अस्पताल पहुंचे । उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। माधव नगर अस्पताल में लगभग 131 मरीज भर्ती है। उन्होंने पहले तो स्टाफ की कमी को लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए।

कलेक्टर आशीष सिंह ने पाया कि अस्पताल में रात्रि के दौरान चिकित्सकों की थोड़ी कमी है जिसकी भरपाई रविवार से हो जाएगी। इसके अलावा उन्होंने ऑक्सीजन की खपत को लेकर भी पूरा आकलन किया । उज्जैन कलेक्टर ने पाया कि कोविड-19 के सभी मरीजों को 15 लीटर प्रति मिनट की दर से ऑक्सीजन सेट की गई थी, जबकि नियम अनसार जिस मरीज को जितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता है उसी हिसाब से मशीन सेट की जाना चाहिए। इससे मरीजों को तो नुकसान नहीं लेकिन ऑक्सीजन की खपत कम होगी।

कलेक्टर आशीष सिंह ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि ऑक्सीजन की खपत को लेकर मरीज की आवश्यकता अनुसार मशीन को सेट किया जाए। इससे लगभग 30% ऑक्सीजन की बचत होगी, जो दूसरे मरीजों के काम आएगी। माधव नगर के बाद कलेक्टर सुबह 5:00 बजे आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां पर कोई मरीजों के लिए लगभग 100 बेड और तैयार हो रहे हैं । उन्होंने मेडिकल कॉलेज में पाया कि यहां पर मरीज की आवश्यकता अनुसार ऑक्सीजन सेट की गई थी। इस पर उन्होंने आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज प्रशासन की पीठ भी थपथपाई। उन्होंने अस्पताल में कुछ और व्यवस्थाएं सुधारने को लेकर निर्देश भी दिए हैं। कलेक्टर सुबह लगभग 7:00 बजे अपने बंगले पहुंचे। उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि वर्तमान में उपचार को लेकर स्थिति काफी बेहतर है, लेकिन लोगों को कुछ सतर्कता रखने की जरूरत है ।

कलेक्टर के मुताबिक अगर किसी भी व्यक्ति को कोई भी कोकोविड-19 लक्षण हो तो सबसे पहले अस्पताल में टेस्ट करवाएं । उनका कहना है कि जिन मरीजों की मौत हो रही है, वह प्राथमिक स्टेज में अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं । यदि संक्रमण अधिक तेजी से शरीर में फैलने के बाद उपचार किया जाए तो इलाज का अधिक असर नहीं पड़ता है जबकि प्राइमरी स्टेज में बीमारी पकड़ में आने पर मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है। उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि कोरोना से डरने की आवश्यकता नहीं है । यदि मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और उसमें लक्षण भी पाए जाते हैं तो उसे घर पर रहकर भी इलाज दिया जा सकता है। कई मरीजों को अस्पताल की आवश्यकता भी नहीं पड़ी और वे ठीक हो गए।

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