उज्जैन: फिर हैंडपंप बन सकता है हॉटस्पॉट

उज्जैन।  धार्मिक नगरी उज्जैन के लिए आने वाला 1 सप्ताह कोरोना की रोकथाम की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है , मगर कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रही है जो कोरोना की पहली लहर की यादें ताजा कर रही है। कोरोना की पहली लहर में बेगमपुरा का एक हेडपंप हॉटस्पॉट बन गया था। इस बार भी नगर निगम की अनदेखी की वजह से हैंडपंप हॉटस्पॉट बन सकता है। 

गर्मी के दिनों में लोगों को अधिक पेयजल की आवश्यकता पड़ती है, जबकि इन दिनों नगर निगम भी के लिए भी स्वच्छ पेयजल प्रदाय करना बड़ी चुनौती रहता है । पिछले कुछ दिनों से लगातार नलों से कई इलाकों में दूषित जल प्रदाय हो रहा है, जिसकी वजह से लोगों को मजबूर होकर हैंडपंप पर जाना पड़ रहा है । उज्जैन के ढांचा भवन इलाके में मस्जिद के पीछे एक हैंडपंप इलाके के सैकड़ों परिवार के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोगों द्वारा पेयजल भरा जा रहा है, मगर कोरोना काल में यह हैंडपंप हॉटस्पॉट भी बन सकता है।

नगर निगम के कंट्रोल रूम पर इलाके के लोगों ने कई बार स्वच्छ पेयजल सप्लाई की गुहार भी लगा दी है, मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है । गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर में बेगमपुरा का एक हैंडपंप हॉटस्पॉट बन गया था, जिसकी वजह से लगभग 65 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले थे। इनमें पुलिस परिवार के लोग भी शामिल थे। इस बार भी शहर के कई इलाकों में हैंडपंप पर भीड़ देखी जा रही है। जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को इस संबंध में भी ध्यान आकर्षित करना चाहिए । वर्तमान परिस्थिति में स्वच्छ और पर्याप्त जल का प्रदाय से लोगों को हैंडपंप पर जाने से रोक सकता है।  इसके अलावा हैंडपंप के सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी की जाना आवश्यक है। 

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