उज्जैन/इंदौर। कोरोना की दूसरी लहर में अपनी जान गवाने वाले लोगों के परिवार वालों को ₹100000 दिए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करने के बाद अब एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस की राजनीति गर्म आने की पूरी संभावना है। मध्य प्रदेश के 2 संभागों में कांग्रेस नेताओं ने कोरोना से मरने वाले लोगों का पंजीयन करने की घोषणा कर दी है । पंजीकरण करने के बाद पूरी सूची प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी और मृत परिवार के लिए ₹100000 की मांग भी उठाई जाएगी।
कांग्रेस प्रदेश सरकार पर शुरू से ही कोविड से मरने वाले लोगों का सही आंकड़ा पेश नहीं करने का आरोप लगा रही है। अब कांग्रेस को बैठे-बिठाए एक और बड़ा मुद्दा मिल गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को इंदौर में समीक्षा बैठक के बाद कोरोना की दूसरी लहर में मरने वाले लोगों के परिवार वालों को ₹100000 दिए जाने की घोषणा की । इस घोषणा के बाद कांग्रेस नेताओं ने सक्रियता दिखाते हुए अब कोरोना से मृत लोगों का पंजीयन करने का अभियान शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि सरकार के मुताबिक सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज परिवारों को ही उक्त राशि दी जाएगी, मगर कांग्रेस का आरोप है कि मृत लोगों का आंकड़ा सरकारी आंकड़े से काफी अधिक है । कांग्रेस नेताओं के मुताबिक इंदौर में विधायक संजय शुक्ला द्वारा मृत लोगों का पंजीयन किया जाएगा । इसके लिए पूरे दस्तावेज भी एकत्रित किए जाएंगे । दूसरी तरफ उज्जैन की कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने भी पंजीयन किए जाने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस नेत्री नूरी खान का कहना है कि पूरे मध्यप्रदेश में इस प्रकार के अभियान से कोरोना की लहर में मरने वालों का सही आंकड़ा सामने आ जाएगा। नूरी खान ने यह भी कहा कि कोरोना की पहली लहर में जान गवा चुके लोगों को भी सरकार को राशि दी जाना चाहिए । उन्होंने एक लाख की बजाए ₹500000 की राशि दिए जाने की मांग उठाई हैै।
विधायक महेश परमार के मुताबिक कांग्रेस द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे थे वह आने वाले समय में सही साबित होंगे । मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में कोविड से मरने वालों का आंकड़ा आने वाले समय में जनता के सामने आएगा, जिससे सरकार की विफलता साफ तौर पर जाहिर हो जाएगी। कांग्रेस के कई नेताओं ने कोविड से मरने वाले लोगों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की मांग भी उठा दी है।