नोटबंदी के 9 महीने बीतने के बाद बीजेपी की अटल विहारी बाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा कह रहे हैं कि मौजूदा मोदी सरकार ने पिछली सरकारों से मिली एक स्वस्थ होती अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर ढकेल दिया है. सिन्हा का कहना है कि पार्टी हल्कों में उनके अलावा ऐसा मानने वाले कई नेता हैं लेकिन कारण वश वह कुछ बोल नहीं पा रहे. सिन्हा का कहना है वह देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना कर रहे हैं.
हालांकि सिन्हा ऐसे पहले नेता, अर्थशास्त्री या पूर्व मंत्री नहीं है जो नोटबंदी के फैसले पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. बीते 9 महीनों के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इस गलत फैसला करार दे चुके हैं. देश और दुनिया के तमाम अर्थशास्त्री भी दलील दे रहे हैं कि नोटबंदी का यह फैसला अपना मकसद कभी पूरा नहीं कर सकता. पूर्व आरबीआई गवर्नर दावा कर चुके हैं कि यह मोदी सरकार का जल्दबाजी में लिया फैसला है जिसका लंबे अर्से तक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर रहेगा. इनके अलावा कई ग्लोबल आर्थिक एजेंसियां भी दावा कर चुकी हैं कि नोटबंदी ने रफ्तार पकड़ती भारतीय अर्थव्यवस्था पर ब्रेक लगा दिया है.
ऐसे में उन फायदों का क्या हुआ जो वित्त मंत्रालय समेत कई सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं ने आम आदमी को दिखाया था. वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक कदम आगे बढ़कर नोटबंदी के इन फायदों की पूरी लिस्ट अपनी वेबसाइट पर भी लगा दी थी. क्या ये सभी फायदे महज मोदी सरकार के फैसलों पर पर्दा डालने के लिए गिनाए गए? एक-एक कर देखने हैं कैसे धराशाई हो गए नोटबंदी से होने वाले फायदों की दलील: