उज्जैन 25 दिसम्बर। श्री महाकालेष्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आयोजित होने वाले शैव महोत्सव 2018 की मंचीय कार्यक्रम की व्यवस्था हेतु गठित समिति की बैठक 25 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे श्री महाकाल प्रवचनहाॅल में संपन्न हुई। बैठक के प्रारंभ में मंचीय कार्यक्रम समिति के प्रभारी श्री विभाष उपाध्याय ने शैव महोत्सव 2018 की भूमिका रखी व उसके अन्र्तगम शैव महोत्सव समागम के उद्देष्य, व कार्यक्रम के स्वरूप के विषय में विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि, कार्यक्रम 4 व्यास पीठों पर आयोजित किये जा रहे है तथा व्यास पीठों को अलग-अलग नाम दिये गये है। जिसमें क्रमषः स्वामी संतदास उदासीन आश्रम नृसिंहघाट पर सनातन व्यास पीठ, श्री बालमुकुन्द आश्रम झालरिया मठ पर दो व्यास पीठ है जिनके नाम सनक व्यास पीठ एवं सनंदन व्यास पीठ है। श्री महाकालेष्वर प्रवचनहाॅल में सनतकुुमार व्यास पीठ रहेगी। सनातन व्यास पीठ पर संयोजक श्री भरत व्यास, प्रो. आर.सी. जाटवा, प्रो. दुर्गाषंकर अग्निहोत्री, प्रो. मनु गौराहा रहेंगे, इनके सहयोगी श्री दीपक उपाध्याय रहेंगे। सनक व्यास पीठ की व्यवस्था के संयोजक डाॅ. प्रषांत पोैराणिक रहेंगे। इनके साथ प्रो. दिनेष जोषी, प्रो. सुरेष देषवाली, प्रो. हेमंत नामदेव रहेंगे, इनके सहयोगी श्री प्रषांत त्रिपाठी है। सनन्दन व्यास पीठ पर संयोजक डाॅ. रमण सोलंकी, प्रो. शैलेष त्रिपाठी, श्री ऋषि दुबे, डाॅ. बेदिया, प्रो. सीमा शर्मा तथा सहयोगी श्री रमेष शुक्ला रहेंगे। सनतकुमार व्यास पीठ पर डाॅ. एकता व्यास संयोजक के साथ प्रो. अपर्ण भारद्धाज, श्री ब्रम्ह्दीप अलूने, प्रो. शैलेन्द्र शर्मा तथा डाॅ. पीयूष त्रिपाठी व्यवस्था में सहयोग करेंगे।
इन पीठों पर 4 अलग-अलग विषयों पर चर्चा होगी, जिसमें पहला विषय षिव का आधिदैविक, आधिभौतिक, आध्यात्मिक स्वरूपों के महत्व, और विभिन्न शैव दर्षनों का प्रतिपादन, दूसरा विषय पूजा पद्धति एवं कर्मकाण्ड, तीसरा विषय व्यवस्था एवं प्रबंधन तथा चैथे विषय में समाजिक समरसता एवं सामाजिक कार्य पर चर्चा की जायेगी। उद्घाटन एवं समापन सत्र सनातन व्यास पीठ स्वामी संतदास उदासीन आश्रम नृसिंहघाट में होगा। 5 जनवरी को होने वाले उद्घाटन सत्र व 7 जनवरी को होने वाले समापन सत्र तथा अन्य पीठों पर होने वाली मंचीय व्यवस्था के संबंध मेें विस्तार से चर्चा की गई। जिसमें स्मृति चिन्ह् प्रषस्ती पत्र, चारों व्यास पीठों पर होने वाली मंचीय तथा सत्रों के दौरान होने वाली अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की गई।
उद्घाटन सत्र की तैयारियों में अतिथियों के आगमन से लेकर संपूर्ण कार्यक्रम की मिनिट टू मिनिट रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस हेतु चारों पीठों के संयोजक मंडल एवं उनके सहयोगियों को विस्तार से चर्चा कर समिति को अवगत कराने के निर्देष दिये गये। बैठक में दीप प्रज्जवलन, रंगोली, बैठक व्यवस्था, मंच संचालन की व्यवस्था आदि पर भी विचार किया गया। उद्घाटन सत्र के दौरान होने वाले डाक टिकिट, स्मारिका एवं डाॅ. बी.बी. निगम द्वारा शैव दर्षन पर लिखी पुस्तक का विमोचन, वैदिक अलंकरण सम्मान, प्रदर्षनी का लोकापर्ण आदि की व्यवस्थाओं हेतु कार्य विभाजन किया गया। सभी पीठों पर प्रातः वंदेमातरम् का गायन किये जाने का निर्णय लिया गया। 6 जनवरी को चारों पीठों पर चारों वेदों के विद्वानों द्वारा संक्षिप्त वेद पारायण करवाया जायेगा। 6 जनवरी को सायं 6ः30 से सांस्कृतिक कार्यक्रम सनातन व्यास पीठ संतदास उदासीन आश्रम नृसिंहघाट पर होगा।
शैव दर्षन एवं षिव के विभिन्न स्वरूपों का चित्रांकन देषभर से 30 चित्रकारों को आमंत्रित कर श्री महाकाल प्रवचनहाॅल में 1 जनवरी से 4 जनवरी तक आयोजित शैव कला संगम में किया जा रहा है। जिसका प्रदर्षन 5 से 7 जनवरी तक होगा। इसके पूर्व 1 जनवरी को प्रातः 8 बजे श्री महाकालेष्वर मंदिर के प्रांगण में शैव महोत्सव हेतु ध्वजारोहण किया जायेगा। बैठक में समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरू, सहायक प्रषासक श्री प्रीति चैहान, श्री किषोर खण्डेलवाल, श्री राजीव पहावा, डाॅ. कृष्णकान्त शर्मा, श्री अरूण शुक्ला, डाॅ. रमण सोलंकी, डाॅ.प्रषान्त पौराणिक, डाॅ. एकता व्यास, श्री अतीत अग्रवाल, श्री विनोद काबरा आदि उपस्थित थे। बैठक के पश्चात मंचीय समिति द्वारा कार्यक्रम स्थल एवं आवास स्थलों पर जाकर व्यवस्था का मुआयना किया गया। साथ ही शैव महोत्सव के दौरान प्रचार-प्रसार, मंच, आवास आदि स्थानांे पर लगने वाले कटआउट, बैनर, होर्डिंग, की डिजाईन देखे।
वित्त प्रबंधन समिति की बैठक संपन्न
शैव महोत्सव हेतु वित्त प्रबंधन समिति की बैठक दोपहर 1 बजे श्री महाकालेष्वर प्रवचनहाॅल में संपन्न हुई। जिसमें प्रषासक श्री अवधेष शर्मा, प्रभारी श्री बी.एस. राणावत, श्री मुकेष आहुजा, सहायक प्रषासनिक अधिकारी श्री आर.के. तिवारी, श्री व्ही.के. लड्ढ़ा, श्री अमोल जोषी, आदि उपस्थित थे। बैठक में आवष्यक रूप से अतिथि, प्रतिभागी तथा शैवकला संगम में आने वाले कलाकारों आदि की सम्मान राषि का श्रेणी अनुसार निर्धारण तथा यात्रा व्यय आदि के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।