एक फोन पर चल दिए उज्जैन कलेक्टर..

उज्जैन। लोगों को ऐसा लगता है कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का जीवन ऐश और आराम से कट जाता है। उन्हें AC की ठंडी हवा और परिवार के बीच आराम से काम करने का मौका मिलता है ।लेकिन जो लोग ऐसी सोच रखते हैं उन्हें हम बताना चाहते हैं कि कई ऐसे अफसर है जो देश और आम लोगों के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। वे एक फोन पर परिवार और घर से कोसो दूर चल देते हैं।

जी हां हम उज्जैन के कलेक्टर संकेत भोंडवे का एक उदाहरण देकर आपको पूरी कहानी समझाते हैं ।उज्जैन कलेक्टर संकेत भोंडवे ने दिव्यांगों और उज्जैन शहर के लिए इतना कुछ किया है कि उनकी प्रसिद्धि राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई । आखिरकार दिल्ली ने आईएएस अधिकारी संकेत भोंडवे को बुला लिया। कुछ ही समय पहले केंद्र सरकार की ओर से आईएएस अधिकारी की प्रतिनियुक्ति का आदेश जारी हो चुका है। हालाकि अभी राज्य सरकार ने उन्हें कोई आदेश नहीं दिया है। इसके बावजूद उज्जैन कलेक्टर यहां से रिलीव होकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए ।सूत्रों के मुताबिक उज्जैन कलेक्टर को दिल्ली से फोन आया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिवहन विभाग की बैठक के सिलसिले में जानकारी दी गई ।इस बैठक में देश की जनता के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को क्रियान्वित किए जाने के संबंध में रिपोर्ट तैयार होगी। इसके अलावा बैठक में समीक्षा की जाएगी। इस बैठक की जानकारी मिलते ही उज्जैन कलेक्टर संकेत भोंडवे यहां से रिलीव होकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए। संभवत वह एक हफ्ते वापस नहीं लौटेंगे। उज्जैन कलेक्टर ने अपना प्रभार आईएएस अधिकारी बसंत कुर्रे को सौंप दिया है । इस पूरी घटनाक्रम को देखते हुए स्पष्ट हो जाता है कि आईएएस अधिकारियों और आईपीएस अधिकारियों को भी दिन-रात दौड़-धूप में लगे रहना पड़ता है उन्हें कब कहां से बुलावा आ जाए।  इस बात के लिए कोई भी कुछ नहीं कह सकता है।

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