उज्जैन। देशव्यापी किसानो की छुट्टियां और गाँव बन्द मुहिम में उज्जैन जिले के किसान भी भागीदार होंगे।
आम किसान यूनियन के केदार सिरोही ने बताया कि देश के 172 किसान संगठन सभी राज्यो में 10 दिन किसानों के फल सब्जी दूध एवम फसल को बेचेंगे नही ओर साथ ही कोई भी समान बाजार से खरीदेंगे नही ,इसके पीछे कारण है कि देश मे 70 % लोग कृषि से है आधारित है जो देश के सबसे बड़े उपभोक्ता है और वही उत्पादक है फिर भी किसानों का किसी को ख्याल नही है।इसलिए किसान अपना महत्व बताने के लिए छुट्टियों पर रहेंगे।
आम किसान यूनियन के आर एस जाट ने कहा कि यह आंदोलन पूर्ण रूप से शांति से होगा किसानों की 3 राष्ट्रीय मांग है जिसमे सभी किसानों का कर्ज माफ हो,फसलों एवं दूध का उचित दाम मिले एवम किसानों की आय सुनिश्चित हो वही प्रदेश में मंडी, सहकारिता में सुधार कर किसान हित मे बनाई जाए ताकि किसानों की लूट बन्द हो सके साथ ही जमीन अधिग्रहण में किये गए प्रदेश स्तरीय बदलाव को खत्म कर ,किसान हित मे किया जाए।
आज उज्जैन में कई गांवों और किसान नेताओ से संपर्क किया गया जिसमें सभी किसानों ने पूर्ण सहमति दी है, उज्जैन का किसान देश के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।
सरवना,करड़वास,बड़ा चिरोला और खाचरोद
के किसानों से संपर्क किया ।
आम किसान यूनियन द्वारा पिछले बर्ष जून आंदोलन किया था ,यूनियन मालवा निमाड़ और महाकौशल में सक्रिय है
उज्जैन जिले में किसान मेहनत और तकनीकी रूप से आगे है, कई प्रकार के प्रयोग कर रहे फिर भी लहसुन, प्याज आदि सब्जियों के भाव बिल्कुल नीचे है जिसके कारण किसानों की आर्थिक कमर टूट चूँकि है सभी किसानों पर बैंको का बड़ा कर्ज हो गया है साथ ही अब साहूकारों से लेना पड़ रहा है
किसानों के शांतिपूर्ण गांव बंद महोत्सव को रोकने का प्रशासन अपनी शक्तियों का गलत उपयोग कर रहा है
पिछले 6 बर्ष में किसानों की आय में मात्र 0.44% की वृद्धि हुई है जबकि देश के उद्योगपति की आय 200 से 300 गुना बड़ी है, पिछले 4 साल में 17 लाख करोड़ की कर में छूट देकर कारपोरेट को मजबूत किया वही बिजली के बिल के लिए किसानों के खेत नीलम हो रहे।
खेत ओर रेत के बेटे अपना हिसाब मांगने के लिए 1 जून से 10 जून छुट्टी मनाएंगे
इस आंदोलन की विशेषता रहेगी कि ये एक अनोखे अंदाज में होगा जिसमें गांव में उत्सव की तरह लोग हरिसब्जी दूध का उपयोग करेंगे गांव में सांस्कृतिक ओर रचनात्मक कार्यक्रम करेंगे गांव का कोई भी किसान न शहर जाएगा नही सड़क पर जाएगा घर और गांव में बैठकर अपनी एकता का परिचय देगा
न शहर में कुछ बेचा जाएगा न शहर से कुछ खरीदा जाएगा
निवेदक – आर एस जाट
आम किसान यूनियन मालवा