उज्जैन। मिट्टी के पहलवानी से अपने जीवन की शुरूआत करने वाले ऊर्जा मंत्री पारस जैन आज उज्जैन की राजनीति के सबसे बड़े पहलवान के रूप में जाने जाते हैं। ऊर्जा मंत्री पारस जैन 68 साल के हो चुके हैं लेकिन आज भी अपने हमउम्र के दो पहलवानों को चित करने की क्षमता रखते हैं ।इसके पीछे ऊर्जा मंत्री पारस जैन की मेहनत के साथ-साथ उनकी संयमित अनुशासित दिनचर्या है। देखिए खास और रौचक खबर।
उज्जैन में 68 साल पहले समाजसेवी परिवार में पारस जैन का जन्म हुआ था। वे शुरू से ही खेल के प्रति रुचि रखते थे। श्री जैन के बड़े और छोटे भाई भी हैं। श्री जैन ने स्कूली जीवन में ही व्यायाम की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने बैचलर ऑफ कॉमर्स की पढ़ाई भी उज्जैन से ही की । ऊर्जा मंत्री बनने का सफर पारस जैन का कम कठिन नहीं रहा है । परिवार ने पूरा जीवन संघर्ष के रूप में व्यतीत किया है। अनाज व्यापारी के रूप में व्यवसाय की शुरुआत करने वाले पारस जैन ने विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता में ऐतिहासिक बाजी मार कर चैंपियनशिप पर कब्जा जमा लिया। इसके बाद से ही पारस जैन का नाम पारस पहलवान के रूप में पहचाना जाने लगा। ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने स्कूली जीवन से ही स्वयं सेवक के रूप में कार्य किया। इसके अलावा कॉलेज पहुंचने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए। भारतीय जनता पार्टी ने उनकी जुझारू क्षमता और मेहनत को देखकर साल 1990 में पहली बार टिकट दिया। श्री जैन ने 1990 में पहली बार उज्जैन के विधायक के रुप में शपथ ली, लेकिन 1992 में हुए अयोध्या मामले के बाद साल 1993 में एक बार फिर चुनाव हुए, जिसमें पुनः ऊर्जा मंत्री पारस जैन उज्जैन उत्तर से विधायक के रुप में जीत हासिल कर ली। जीत का सिलसिला यहीं नहीं थमा साल 2005 साल, 2008 साल 2013 में भी ऊर्जा मंत्री पारस जैन उज्जैन उत्तर का प्रतिनिधित्व किया। इस प्रकार ऊर्जा मंत्री के रूप में उज्जैन उत्तर का प्रतिनिधित्व कर रहा है । ऊर्जा मंत्री पारस जैन पांच बार विधायक रह चुके हैं। उज्जैन उत्तर से 5 बार विधायक देने का यह रिकॉर्ड पूरे जिले में सबसे बड़ा रिकॉर्ड है , इसीलिए ऊर्जा मंत्री पारस जैन को उज्जैन जिले की राजनीति का सबसे बड़े पहलवान माने जाते है। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दूसरे नेताओं का दूसरी और तीसरी बार जीतने पर जीत का ग्राफ और आंकड़ा कम होते जाता है, लेकिन ऊर्जा मंत्री पारस जैन लगातार अपने प्रतिद्वंदियों से बड़े आंकड़े से जीतते आ रहे हैं । उन्होंने साल 2013 में सबसे ज्यादा जिले में सबसे ज्यादा 26000 वोटों से पांचवीं बार जीत हासिल की थी।
1100 सूर्य नमस्कार का रिकार्ड
ऊर्जा मंत्री पारस जैन शुरू से ही धर्म और व्यायाम के प्रति अनुशासित रहे हैं । एक तरफ जहां वे सूर्यास्त के बाद कभी भी भोजन ग्रहण नहीं करते हैं वहीं प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे उठकर व्यायाम करते हैं। गुरु अखाड़े से व्यायाम की शुरुआत का सिलसिला सालों पहले शुरू हुआ था, जो आज भी बदस्तूर जारी है । आज भी ऊर्जा मंत्री पारस जैन गुरु अखाड़ा जाते हैं और अपनी व्यायाम और योग करते हैं। ऊर्जा मंत्री पारस जैन के साथी पहलवान बताते हैं कि उन्होंने एक बार युवावस्था में 1100 सूर्य नमस्कार एक साथ कर सबको चौंका दिया था। ऊर्जा मंत्री पारस जैन धर्म के प्रति भी काफी समर्पित है वे नियमित रूप से देव दर्शन करने के लिए जाते हैं और सभी धर्मों के प्रति आदर रखते है।