उज्जैन/इंदौर। कभी भी किसी इंसान को कोई व्यापार नुकसान नहीं पहुंचाता है। यह बात जरूर है कि खर्च आदमी को बर्बादी के रास्ते पर पहुंचा देता है। ऐसी ही कुछ कहानी आशीष दास के मामले में दिखाई देती है । उज्जैन के रहने वाले आशीष दास ने छोटे से स्तर पर कामकाज शुरू किया था लेकिन अपनी मेहनत और दिमाग के बल पर आशीष दास ने वह बुलंदी हासिल कर ली जिसे पाने के लिए हर कोई प्रयासरत है । लेकिन आशीष दास बुलंदियों पर टिक नहीं पाया । इसके पीछे सबसे बड़ा कारण उसके खर्चे थे देखिए पूरी रिपोर्ट।
उज्जैन के दशहरा मैदान में रहने वाले आशीष दास ने चंद सालों पहले इनकम टैक्स कंसल्टेंट का काम शुरू किया था। यह काम धीरे-धीरे आगे बढ़ा और उज्जैन से शुरू हुई आशीष दास की सफर की दास्तां इंदौर होते हुए मायानगरी मुंबई तक पहुंच गई। आशीष दास ने मुंबई में अपना आफिस कई सालों तक चलाया। इस दौरान आशीष दास की पहचान फिल्म निर्माता वासु भगनानी, फिल्म अभिनेता गोविंदा सहित कई ऐसे कलाकारों से हुई जिन्हें देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाता है। आशीष दास ने अपने व्यवहार और अपने फैलाए हुए कारोबार के जरिए बड़े लोगों में जल्द ही अपनी पहचान बना ली। इसके बाद उसने इंदौर में एक ऐसा ड्रीम प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसे देखकर लोग दंग रह गए । आशीष दास ने पिनेकल ड्रीम्स नामक एक मल्टी स्टोरी प्रोजेक्ट की शुरुआत की। आशीष दास ने इस प्रोजेक्ट में इंदौर के ही नहीं उज्जैन और मुंबई के धनाढ्य लोगों का पैसा लगाया। इस ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के लिए कई फिल्म अभिनेता और अभिनेत्री इंदौर पहुंचे । इसके बाद आशीष दास का चेहरा मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि मुंबई में भी जाना पहचाना जाने लगा। इसके बावजूद आशीष दास ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे और वह आगे ही चलता चला गया। आशीष दास को जाने वाले लोग बताते हैं कि वह एक लंच या एक डिनर पर ₹50000 से लेकर ₹100000 तक खर्चा कर देता था। पुलिस को भी आशीष दास ने ऐसी ही कुछ जानकारियां दी है। इंदौर क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह ने बताया कि आशीष दास कुछ ही समय में हिंदुस्तान छोड़कर विदेश भागने की तैयारी में था। इसके पहले ही पुलिस ने उसे इंदौर में मिले सुराग के आधार पर मुंबई में दबोच लिया। आशीष दास के बारे में पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि उसने करोड़ों रुपया अपनी लाइफ स्टाइल पर खर्च कर दिया। आशीष दास ने पुलिस को बताया कि जब उसका ड्रीम प्रोजेक्ट बुलंदियों पर था तब उसके पास कई बॉडीगार्ड हुआ करते थे, इतना ही नहीं आशीष दास ने मीटिंग और बड़े लोगों के साथ मिलने के लिए कई ऐसे सूट-बूट खरीदे, जिनकी कीमत लाखों में है । इस प्रकार आशीष दास में अपने खर्च को उस मुकाम तक पहुंचा दिया जिस मुकाम पर पहुंचने की सोचना भी आम आदमी के बस की बात नहीं है। आशीष दास ने पुलिस को यह भी बताया कि वह बेईमान नहीं है लेकिन प्रॉपर्टी के गिरते दामों की वजह से उसकी हालत ऐसी हो गई है। फिलहाल आरोपी को 10 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी आशीष दास से पुष्पेंद्र वडेरा के बारे में भी पूछताछ की जा रही है । इंदौर के अलग-अलग स्थानों में आशीष दास के खिलाफ 9 FIR दर्ज हो चुकी है।
100 मोबाइल का नेटवर्क और आज मेहरूम…
आशीष दास का दिमाग किसी कंप्यूटर से कम नहीं है उसके ड्रीम प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट करने वाले कई बड़े अफसर भी शामिल होने की जानकारी पुलिस को मिल रही है। पुलिस के मुताबिक आशीष दास का एक समय था जब उसके 100 लोगों का स्टाफ हुआ करता था और वह मोबाइल का नेटवर्क उसे फॉलो करता था लेकिन आशीष दास के जब बुरे दिन आए तो उसने एक भी मोबाइल साथ नहीं रखा । जब पुलिस ने मुंबई से उसे गिरफ्तार किया तो उसके पास एक भी मोबाइल नहीं था। मोबाइल नहीं रखने की वजह से ही पुलिस उस तक पहुंचने में कई दिनों तक कामयाब नहीं हो सकी। हालाकि आशीष दास की पहुंच से ज्यादा कानून के हाथ लंबे थे इसलिए उसे विदेश भागने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया । आरोपी आशीष दास पूछताछ के दौरान कई ऐसे खुलासे कर सकता है जिससे बड़ी काली कमाई का पर्दाफाश हो सकता है।
एयरपोर्ट पर भी था जलवा..
आशीष दास को लेकर एक शेर याद आता है..
“बुलंदियां कब तलक किस शख्स के हिस्से में रहती है..
इमारत जितनी ऊंची हो हर घड़ी खतरे में रहती है..”
आशीष दास ने इंदौर में रहते हुए उज्जैन का नाम भी गौरान्वित करते हुए सबसे बड़ी इमारत बनाने का लक्ष्य पूरा किया लेकिन शेर के मुताबिक वह बुलंदियों पर टिक नहीं पाया । इसके पीछे कई वजह सामने आ रही है फिलहाल सबसे बड़ी वजह आशीष दास के खर्चे हैं । वह एयरपोर्ट पर भी VIP की तरह पीछे से इंट्री करता था उसकी VIP तक की तरह चेकिंग भी नहीं होती थी ।आशीष दास के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि उसने कई बार प्राइवेट प्लेन का भी उपयोग किया। आशीष दास ने देश ही नहीं विदेशों के कई शहरों की यात्राएं भी की । इस प्रकार आशीष दास ने इनवेस्टरों का मेहनत की कमाई का पैसा अपनी लग्जरी जीवन पर खर्च कर दिया। उसके पास एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक चौपहिया लग्जरी वाहन भी हुआ करते थे, जो हमेशा उसकी सेवा में खड़े रहते थे । आशीष दास नंबरों का भी काफी शौकीन शख्स है। उसने अपनी गाड़ियों का नंबर अपनी मनपसंद नंबरों की संख्या में शामिल कर रखा था। उसने एक गाड़ी के नंबर के लिए ₹100000 तक की राशि दी है पुलिस और भी कई खुलासे आने वाले समय में करने वाली है। इसलिए हमेशा उज्जैन चर्चा डॉट कॉम से जुड़े रहिए।