उज्जैन/इंदौर। इंदौर के पिनेकल ड्रीम्स घोटाले के मामले में फंसे आशीष दास को कुछ अधिकारियों और भोपाल के 1 खनन माफिया से वादाखिलाफी महंगी पड़ गई। यह कहा जा रहा है कि खनन माफिया ने आशीष दास को हवालात में पहुंचाने की ठान ली थी । इसके बाद ही कार्रवाई में तेजी आई। हालांकि इंदौर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए आशीष दास के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है ।
उज्जैन के दशहरा मैदान में रहने वाले आशीष दास ने कुछ ही साल पहले इंदौर में पैर जमाए थे । इंदौर में दिन दुगनी और रात चौगुनी तरक्की का सपना कुछ ही सालों में चूर चूर हो गया। आशीष दास के खिलाफ इंदौर के अलग-अलग थानों में 9 मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी दास पर निवेशकों और यूजर्स ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित लोगों का कहना है कि उनकी जीवन भर की गाढ़ी कमाई की रकम हथियाने के बावजूद आशीष दास ने उन्हें पिनेकल ड्रीम्स में फ्लैट नहीं दिए।
दूसरी तरफ आशीष दास खुद को बेगुनाह बता रहे हैं ।आशीष दास का कहना है कि वह ऐसे जाल में फंस चुके थे जिससे बाहर निकलना काफी मुश्किल था । पुलिस अधिकारियों ने आशीष दास के ऑफिस पहुंचकर कई दस्तावेज जप्त किए हैं, जिसमें अलग-अलग लोगों के साथ अनुबंध के कागजात भी है। पिनेकल ड्रीम्स को लेकर कुछ बैंकों में भी अलग-अलग फाइनेंस किए थे । इसकी जानकारी भी पुलिस अधिकारियों के पास पहुंच गई है । दूसरी तरफ बाजार में यह चर्चा है कि भोपाल के खनन माफिया ने भी आशीष दास के प्रोजेक्ट में पैसा लगाया था। आशीष दास ने वादा किया था कि तय समय में मुनाफे के साथ पैसा वापस हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नोटबंदी के बाद लगातार आशीष दास पर लेनदार दबाव बना रहे थे जबकि प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने की वजह से जिन लोगों से पैसे आने थे उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। इसी वजह से आशीष दास की लेनदारी और देनदार के बीच एक बड़ा अंतर सामने आ गया ।नोटबंदी के बाद प्रॉपर्टी बाजार में लगातार मंदी छाई हुई है। इसका असर पिनेकल ड्रीम्स प्रोजेक्ट पर भी देखा जा रहा है । पिनेकल प्रोजेक्ट में देरी की वजह से भी आशीष दास को काफी नुकसान उठाना पड़ा । आशीष दास ने पुलिस के सामने ही मंशा जाहिर की है कि वह सेटलमेंट करना चाहता है। सूत्रों की माने तो आशीष दास के नाम पर ऐसी कोई बड़ी चल अचल संपत्ति नहीं है जिससे बेचकर आशीष दास अपने वादे को पूरा कर सके। आशीष के नाम पर जो भी प्रॉपर्टी थी वह अलग-अलग लोगों को बेची जा चुकी है।
दलालों की बदल गई लाइफ़ स्टाईल…
कालोनियों और संपत्ति की दलाली करने वाले एजेंटों को बिना पूंजी का पार्टनर कहा जाता है। पुलिस के अनुसार पिनेकल ड्रीम्स के मामले में भले ही आशीष दास को बड़ा नुकसान हुआ हो लेकिन दलालों ने जमकर चांदी काटी। पुलिस ने बताया कि दलालों ने आशीष दास के प्रोजेक्ट में लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपया कमाया । आशीष दास को बड़े-बड़े सपने दिखा कर दलालों ने दलाली के रूप में बड़ा मुनाफा हासिल कर लिया । इसके अलावा निवेशकों को भी उलझाने में कुछ दलालों का नाम सामने आया है। इंदौर पुलिस उन दलालों की भी भूमिका की जांच कर रही है।
पिनेकल ड्रीम्स को देखने मुंबई से आते थे वीआईपी
इंदौर के निपानिया इलाके में पिनेकल ड्रीम्स जिस स्थान पर खड़ी की गई है, वह स्थान विजयनगर से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित है । पिनेकल ड्रीम्स की जब नींव रखी गई थी उस समय इस मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में ऐसी कई सुविधाओं का जिक्र किया गया था जो इंदौर की किसी मल्टी में नहीं है। पिनेकल ड्रीम्स मल्टी में ऐसी ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा किया गया था, जो आमतौर पर सुनने में भी अजीब लगती है। पिनेकल ड्रीम्स की सुविधाओं को देखने के लिए इंदौर ही नहीं बल्कि मुंबई और दिल्ली तक के बिल्डर्स और कंस्ट्रक्शन कंपनी के लोग आ चुके हैं । पिनेकल ड्रीम्स में सिक्योरिटी सिस्टम के अलावा मल्टीनेशनल लेबल की जिम, पानी की सुविधा, बिजली की सुविधा, कार को फ्लैट तक ले जाने की सुविधा और यदि आप घर से बाहर जाएं तो छोटे बच्चे को रखने की सुविधा। बच्चे को मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के प्ले स्कूल में छोड़कर चले जाएं। बच्चे को प्ले स्कूल में छोड़कर जाने के बाद आप लगातार मोबाइल पर अपने बच्चे को इंटरनेट कनेक्टिविटी के जरिए देख भी सकते हैं । ऐसी कई सुविधाएं सुनने और देखने के बाद निवेशक और उसने अपना पैसा लगाया था, सुविधा मिलना तो दूर फ्लैट के भी लाले पड़ गए हैं।