उज्जैन। जनदर्शन यात्रा का मतलब भले ही जनता का आशीर्वाद लेने के लिए निकाली जाने वाली यात्रा निकाला जा रहा हो, लेकिन जन आशीर्वाद यात्रा के पहले सबसे बड़े मंच पर तो नजारा ही कुछ और देखने को मिला। जन आशीर्वाद यात्रा के मंच से केवल कांग्रेस के कार्यकाल का बखान किया गया ।कांग्रेस पर आरोप लगाए गए और सब कुछ कांग्रेस पर केंद्रित रहा । इस नजारे को देखकर जन आशीर्वाद यात्रा की यह भी समीक्षा की जा रही है कि क्या जन आशीर्वाद यात्रा का मतलब कांग्रेस के कार्यकाल का बखान करना है?
उज्जैन से जन आशीर्वाद यात्रा शुरू हो गई है, जो मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर जाएगी। जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर यह दावा किया जा रहा था कि भाजपा सरकार जनता का आशीर्वाद लेने के लिए उनके बीच जाने वाली है। जनआशीर्वाद यात्रा को लेकर उज्जैन में शंखनाद किया गया । उज्जैन में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी केसरिया झंडी दिखाने के लिए पहुंचे । राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केसरिया झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना कर दिया है । यह यात्रा पूरे 51 दिनों में सभी जिलों में घूमेगी । गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पिछले 15 सालों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। अभी तक यह देखने में आया है कि सरकार हर मंच से अपनी उपलब्धियां गिनाती थी, लेकिन शनिवार का नजारा कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है । ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अब चुनावी साल में आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है । सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने से ज्यादा इस बात पर जोर दे रही है कि जनता कांग्रेस के 10 सालों का हिसाब मांगे । उन 10 सालों को याद करें जब मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कार्यकाल हुआ करता था। जन आशीर्वाद यात्रा के पहले सबसे बड़े मंच पर जो नजारा देखने को मिला। यह नजारा आने वाले समय में जन आशीर्वाद यात्रा के अलग-अलग पड़ाव पर बदल पाएगा, इसे लेकर भी संशय की स्थिति खड़ी की जा रही है ।फिलहाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा में उमड़ी भीड़ राजनीति की रैली की सफलता की कहानी बयां कर दी है।