उज्जैन। एमपी में लगातार तीन बार सरकार बना चुकी बीजेपी इस बार भी विपक्ष दल के लिए कड़ी चुनौती है। उज्जैन में शनिवार को आयोजित जनदर्शन यात्रा ने सारे भ्रम तोड़ दिए। ऐसा साफतौर पर दिखाई दे रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जादू अगर चुनाव तक ऐसे ही चलता रहा तो कमल के फूल के अलावा किसी भी और कमल पर कोई विचार नहीं होगा।
एमपी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर चुनावी मोड में आ गई है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनदर्शन यात्रा को जिस प्रकार की सफलता मिली है। वह चौंकाने वाली है । अलग-अलग भ्रम पैदा किए जा रहे थे कि कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर हो रहे परिवर्तन से भारतीय जनता पार्टी को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन जिस प्रकार का परिवर्तन प्रदेश में कांग्रेस ने किया है , उससे ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की राह और आसान हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी ने जनदर्शन यात्रा से अपनी ताकत दिखाते हुए कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। कांग्रेस को उज्जैन में भाजपा से बड़ी रैली कर मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत थी , लेकिन ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस ने यह भी कहा था कि जनदर्शन यात्रा का पुरजोर विरोध किया जाएगा, मगर यात्रा का विरोध कहीं भी नजर नहीं आया। दूसरी तरफ जनता ने जिस प्रकार का समर्थन जनदर्शन यात्रा को दिया है, उसे देखकर कांग्रेस नेताओं के सामने चिंता के बादल मंडरा रहे हैं। यह भी दावे किए जा रहे थे कि लगातार तीन बार से भाजपा सत्ता में इसलिए भी विरोध का सामना करना पड़ सकता है, मगर आज भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिस प्रकार से आम लोगों के बीच घूम रहे हैं , ठीक उसी तरह का नजारा कांग्रेस के बीच नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस के नेता हवाई जहाज की यात्रा कर रहे हैं और भगवान महाकाल को चिट्ठी लिख रहे हैं । दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भगवान महाकाल के चरणों में दूध और दही अर्पित कर रहे हैं ।इसके अलावा जनता के बीच सेवक बनकर घूम रहे हैै। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान VIP होने के बावजूद साधारण व्यक्ति बन कर आम लोगों का आशीर्वाद ले रहे है जबकि कांग्रेस के बड़े बड़े नेता अपने पार्टी दफ्तर से ही बाहर नहीं निकल पा रहे है।
गुटबाजी अभी भी हावी
कांग्रेस के बारे में यह कहा जाता है कि देश की ऐसी राजनीतिक पार्टी है, जिसे विपक्षी दल से ज्यादा अपनों से खतरा बना रहता है। मध्य प्रदेश की राजनीति में भी इतिहास गवाह है कि गुटबाजी के कारण कांग्रेस खत्म हो गई है। एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का ग्रुप है, तो दूसरी तरफ अरुण यादव का खेमा है । इतना ही नहीं अभी ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के साथ-साथ सुरेश पचौरी पर भी चर्चा होना बाकी है। कांग्रेस में मध्यप्रदेश में जितने बड़े नेता है , उतने ही घुटने और कांग्रेस उतने ही भागों में बंटी हुई है । कांग्रेस को एक करने के लिए कई प्रयास किए गए लेकिन चुनाव आते ही कांग्रेस फिर गुटबाजी में बढ़ जाती है। इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलता है।
नोटों रथ पर नहीं पहुँच पाएंगे कमलनाथ- शिवराज
मध्यप्रदेश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज सिंह चौहान ने नानाखेड़ा खेल मैदान से कांग्रेस को कड़ा संदेश दिया है । उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ नोटों के रथ पर बैठकर कभी भी कांग्रेसियों को विधानसभा तक नहीं पहुंचा पाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि कांग्रेस राजा, महाराजाओं की पार्टी है और अब जनता के शासन करने का समय आ गया है, इसीलिए भारतीय जनता पार्टी तीन बार लगातार चुनाव जीत चुकी है ।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेताओं पर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की जनकल्याणकारी योजनाओं को भी जनता के बीच रखा । पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जमकर तारीफ की ।जनदर्शन यात्रा के सफल कार्यक्रम से यह तय हो गया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी दांव लगाने वाली है।
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