Vikram singh jat
उज्जैन/भोपाल/ इंदौर। मध्यप्रदेश एक बार फिर चुनावी मोड में आ गया है । इस बार भारतीय जनता पार्टी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर गई है। जन आशीर्वाद यात्रा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिल रहे अपार जनसमर्थन से स्पष्ट रुप से बहुमत अभी से भाजपा के खाते में जाता हुआ नजर आ रहा है । जहां एक तरफ कांग्रेस की हालत आम आदमी पार्टी की हालत से अलग महसूस नहीं की जा रही है , वहीं दूसरी तरफ सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर अभी भी उम्मीदें टिकी हुई है ।
इस साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है । भारतीय जनता पार्टी लगातार तीन बार से सत्ता हासिल कर चौथी बार चुनावी मैदान में जन आशीर्वाद यात्रा और मुख्यमंत्री की सभाओं में जुट रही भीड़ ने कांग्रेस की नींद उड़ा दी है। कांग्रेस को इस बार यह उम्मीद थी कि सरकार का आम लोगों में विरोध होगा लेकिन इसके ठीक उलट शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को काफी जनसमर्थन मिल रहा है ।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़नगर तहसील के ग्राम चिरोला में ऐतिहासिक यात्रा निकाली । इसके अलावा नगर में भी हजारों की संख्या में लोग उनकी यात्रा में शामिल होने के लिए जुटे हैं । पुलिस और प्रशासन को भीड़ संभालने में काफी मशक्कत करना पड़ रही है । जन आशीर्वाद यात्रा में भी कल नानाखेड़ा पर उमडी भीड़ ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए । दूसरी तरफ कांग्रेस में मायूसी का माहौल है। कांग्रेस के नेता एक दूसरे से नानाखेड़ा पर जुटने वाली भीड़ की जानकारी ले रहे हैं । कांग्रेस की ओर से मध्यप्रदेश में कई चेहरे सामने आ चुके हैं लेकिन जितना भरोसा फिलहाल सांसद ज्योतिराज सिंधिया पर जताया जा रहा है, उतना वर्तमान समय में किसी भी कांग्रेस नेता की ओर मध्य प्रदेश की जनता का रुझान नहीं है।
अब लोग इस बात को लेकर भी चर्चा में जुट गए हैं कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दूसरे नंबर की पोजीशन को लेकर भी जमकर रस्साकशी होने वाली है। मध्यप्रदेश में भाजपा को वाकोर मिल जाएगा, जबकि दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच जमकर चुनावी खींचतान रहेगी। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में अभी तक भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होता रहा है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी 230 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है। आम आदमी पार्टी के मैदान में उतरने से रोचक माहौल बनने जा रहा है लेकिन भारतीय जनता पार्टी वर्तमान स्थिति में सभी राजनीतिक दलों पर एकतरफा भारी पड़ रही है।