उज्जैन पुलिस: गाय की खाल के तस्वीरों की बारी..

उज्जैन। मध्यप्रदेश की राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण पशु के रूप में गाय की गिनती होती है । मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने गाय  गरीब और किसान को लेकर यात्रा निकाली थी और सरकार भारतीय जनता पार्टी की बन गई थी तब से लेकर अभी तक भारतीय जनता पार्टी प्रमुख रूप से गौमाता को लेकर संवेदनशील रहती है। गाय के परिवहन को लेकर भी पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई होती है।  ऐसे में गाय की खाल की तस्करी करने वालों पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है।  उज्जैन पुलिस ने अब गाय की खाल की तस्करी करने वालों पर तिरछी निगाहें कर दी है। उज्जैन पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बडनगर रोड से एक ट्राले को पकड़ा है ।जिसमें लगभग 2000 खाले उज्जैन से कलकत्ता ले जाई जा रही थी। बताया जाता है कि ग्राम रातडिया के गोदाम से खाल को कोलकाता ले जाया जा रहा था । पुलिस ने इस मामले में खाल बेचने वाले आरोपी से लेकर ट्राले के ड्राइवर और क्लीनर को गिरफ्तार कर लिया है । ऐसा बताया जा रहा है कि तस्करी करने वालों के तार मध्य प्रदेश के अलावा दूसरे कई राज्यों से भी जुड़े हुए हैं । इस मामले में उज्जैन पुलिस पूरे नेटवर्क का खुलासा करने में जुट गई है।

उज्जैन पुलिस अधीक्षक सचिनकुमार अतुलकर ने बताया कि मुखबिर से लगातार सूचना मिल रही थी कि गाय की खाल की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर एक बड़ी सफलता अर्जित की है। बताया जा रहा है कि इस मामले में आम लोगों ने भी पुलिस की काफी मदद की है । पुलिस ने ट्राले को जप्त करने के बाद उसे एतिहात के तौर पर इंगोरिया भेज दिया है । ऐसा माना जा रहा है कि पशुओं की खाल से आदि वस्तुएं बनाई जाती है , जो काफी महंगे दामों पर बाजार में बिकती है। शायद इसीलिए गाय की खाल की तस्करी की जा रही थी । उज्जैन पुलिस ने कई माफियाओं के खिलाफ लगातार अभियान चलाते हुए कड़ी कार्रवाई की है लेकिन अब पुलिस ऐसे अवैध कारोबार पर भी नजर रख रही है जिस पर पहले पुलिस अधिकारियों की नजर नहीं होती थी । गाय की खाल की सबसे बड़ी खेप उज्जैन में पकड़ाई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रमोद सोनकर ने बताया कि पुलिस कप्तान सचिन कुमार अतुलकर के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है । इस मामले में महाकाल थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों की माने तो आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी।

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