उज्जैन। पहले तो यह बताओ कि आपने भोजन किया है या फिर इंदौर से खाली पेट ही आ गए है.. जवाब मिलता है “भूखा हूँ”.. इतना सुनते ही उज्जैन एसपी सचिन कुमार अतुलकर कार्यालय के बाहर खड़े पुलिसकर्मी दिनेश को बुलाते हैं और आदेश देते हैं कि कोर्ट के कर्मचारी को भोजन कराने की व्यवस्था की जाए।
यह पूरा माजरा क्या है ? हम आपको तकसीम से समझाते हैं । उज्जैन एसपी सचिन कुमार अतुलकर मंगलवार को जन सुनवाई कर रहे थे, इस दौरान एक जाना पहचाना चेहरा फिर उनके सामने आ गया। दरअसल इंदौर से कोर्ट का एक कर्मचारी किसी विवाद को लेकर दो बार उज्जैन एसपी सचिन कुमार अतुलकर से मिल चुका है । पुलिस कप्तान ने साल 1986 के प्रकरण में भी कोर्ट के कर्मचारी को मदद का भरोसा दिलाया। इसके बावजूद कर्मचारी लगातार पुलिस कार्यालय पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर दूसरी बार मिलने पहुंच गया । इसके बाद पुलिस कप्तान ने कोर्ट के कर्मचारी को आधे घंटे तक अपने सामने बिठाया और पूरी समस्या का तत्काल निराकरण किया। कोर्ट के कर्मचारी का पारिवारिक विवाद चल रहा है और साल 1986 में मुकदमा भी दर्ज हुआ था । उक्त मामले को लेकर अभी भी गवाही और बयान का दौर चल रहा है । पूरा मामला न्यायालय में विचाराधीन है लेकिन कुछ दिक्कतों की वजह से कर्मचारी पुलिस से मदद चाहता था। पुलिस कप्तान सचिन कुमार अतुलकर ने कोर्ट के कर्मचारी से पूछा कि उसे वेतन कितना मिलता है और वह उज्जैन-इंदौर चक्कर काटकर कितनी राशि खर्च कर चुका है । इसके बाद कोर्ट के कर्मचारी से यह भी पूछा गया कि उसने भोजन किया है या नहीं । जब फरियादी की ओर से यह जवाब आया कि उसने भोजन नहीं किया तो एसपी सचिन कुमार अतुलकर अपने दफ्तर के बाहर कोर्ट के कर्मचारी के भोजन की व्यवस्था करवाई । कोर्ट का कर्मचारी पुलिस अधिकारियों के दफ्तर से केवल न्याय ही नहीं लेकर गया बल्कि वह एक सद्भावना भी लेकर गया, जिसे लेकर अक्सर पुलिस से उम्मीद नहीं रहती है । यह तस्वीर इंदौर और आसपास के कई जिलों में वायरल हो रही है। जब इस संबंध में उज्जैन एसपी सचिन कुमार अतुलकर से संपर्क करने की कोशिश की गई तो वे उपलब्ध नहीँ हो पाए।