उज्जैन। भारतीय जनता पार्टी को अगर उज्जैन जिले की सातों विधानसभा सीटों पर एक बार फिर कब्जा करना है तो कुछ चेहरों में बदलाव जरूरी है । यह बात हम नहीं बल्कि सर्वे रिपोर्ट कह रही है, जिन सीटों पर बदलाव होना है, उनमें एक शहरी है जबकि दो ग्रामीण क्षेत्र की है।
विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही अलग-अलग मंथन का दौर भी शुरू हो गया है । उज्जैन में जन आशीर्वाद यात्रा शुरू होने के साथ ही यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि इस बार कुछ चेहरों में बदलाव किया जाएगा। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए उज्जैन जिले की सातों विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया था। इस बार भी भाजपा मालवा के अपने गढ़ में सभी सीटों पर कब्जा करना चाहती है। इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है । जैसा कि अलग-अलग मापदंडों के आधार पर टिकट वितरण किया जाएगा। उसके अलावा सर्वे रिपोर्ट को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है । एक तरफ जहां पार्टी ने मीडिया के माध्यम से सर्वे रिपोर्ट पर अपना ध्यान आकर्षित किया है , वहीं दूसरी तरफ पार्टी स्वयं भी अलग-अलग विषय पर गोपनीय सर्वे करवा रही है । सर्वे रिपोर्ट की मानें तो उज्जैन जिले में भाजपा की स्थिति मजबूत बनी हुई है लेकिन कुछ चेहरों पर आमजन की सहमति नहीं है । सर्वे के अनुसार उज्जैन जिले में भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए तीन चेहरों में बदलाव करना पड़ सकता है । इन में से एक चेहरा शहरी सीट का है , जबकि दो चेहरे ग्रामीण इलाकों से संबंधित है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने स्पष्ट रूप से बोल दिया है कि इस बार 150 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा अगले महीने कर दी जाएगी। कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित होते ही भारतीय जनता पार्टी को भी तुरंत अपने कुछ चेहरे जनता के सामने रखना पड़ेंगे। इसी वजह से अभी से मंथन तेज हो गया है। मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित चार राज्यों में चुनाव होना है, जिसे लेकर आला हाईकमान काफी चिंतित है। विदित है कि विधानसभा चुनाव के 6 माह के बाद लोकसभा चुनाव होना है। ऐसे में परिणाम लोकसभा की 100 सीटों को प्रभावित करेगा । इनमें मध्य प्रदेश की 29 सीट भी शामिल है। चारों राज्यों के चुनाव को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है, इसलिए भी आला कमान किसी प्रकार की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने भाषण में कई बार इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत दिलवाना है, उम्मीदवार भले ही कोई भी हो । इस बात को सर्वे रिपोर्ट भी आगे बढ़ा रही है। रिपोर्ट की मानें तो आने वाले विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर चेहरा नहीं बदलेगा तो भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है । इसके अलावा उन सीटों पर जनता चेहरे बदलने का मन बना चुकी है।