उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन को भले ही सरकारें पवित्र नगरी घोषित करने से किनारा कर रही हो लेकिन अभियान पवित्र चलाकर उज्जैन के पुलिस अधीक्षक सचिनकुमार अतुलकर ने सराहनीय कार्य किया है। उज्जैन को अब अवंतिका नगरी के साथ-साथ अभियान पवित्र के नाम से भी प्रदेश में जाना जाने लगा है । वैसे तो पुलिस अधीक्षक सचिनकुमार अतुलकर का जन्म दिवस बुधवार को था लेकिन उनके जन्मदिन पर एक विशेष रिपोर्ट देखिए।
उज्जैन के पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर को पदभार ग्रहण किए 1 साल पूरा हो चुका है । इस एक साल के रिकॉर्ड की बात की जाए तो पिछले 1 साल में जहां एक तरफ गुंडों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई, वहीं दूसरी तरफ उन पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई जो अनुशासनहीनता और लापरवाही पूर्वक कार्य कर रहे थे । इसके अलावा भ्रष्टाचार के मामलों में भी पुलिस कप्तान ने कड़ी कार्रवाई की है । एक अनुमान के मुताबिक 5 दर्जन से ज्यादा पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों पर जांच बैठाई जा चुकी है । उज्जैन के इतिहास में 1 साल में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर इतनी बड़ी कार्रवाई किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने नहीं की है ।
पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर अपने विभाग की सफाई करने के साथ-साथ शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए असामाजिक तत्वों की सफाई भी पूरी दमदारी के साथ की है। उज्जैन जिले में 12000 से ज्यादा लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। इनमें से कई लोग प्रतिबंधात्मक कारवाई के कारण भी अपराधों से दूर हो गए हैं । इसके अतिरिक्त कुख्यात बदमाशों के खिलाफ तो रिकार्ड तोड़ जिला बदर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई हुई है । पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर पिछले 1 साल में पुलिस विभाग की पुरानी छवि को फिर जनता के बीच में रख दिया है। पुलिस कप्तान सचिन अतुलकर का ही जन्मदिन नहीं है बल्कि उनके उज्जैन में पदभार ग्रहण करने का भी जन्म दिवस मनाया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर ने पदभार ग्रहण करने के बाद स्पष्ट कर दिया था कि अब असामाजिक तत्वों का रसूख उज्जैन में नहीं चलेगा। आमतौर पर बड़े अधिकारी इस प्रकार के बयान देते हैं लेकिन अक्सर समय के साथ-साथ बयान का असर धीमा हो जाता है। मगर उज्जैन जिले में आज भी पुलिस कप्तान की धमक के कारण बिना जिला बदर किए ही कई बदमाश जिले से बाहर चल जा चुके हैं ।यह भी कहा जाता है कि अगर पुलिस चाहे तो अपराधों पर पूरी तरह रोक सकती है। इसी प्रकार का प्रयास उज्जैन जिले में देखने को मिल रहा है । उज्जैन जिले में कहीं भी जुआ-सट्टा चलने की खबर मिलती है तो तुरंत दो तरफा कारवाई होती है । एक तरफ तो गुंडों पर शिकंजा कसा जाता है। वहीं दूसरी तरफ ऐसे पुलिसकर्मियों ने अधिकारियों को भी सजा दी जाती है जो जिन की भूमिका सामाजिक और अवैधानिक कार्यों में संदिग्ध पाई जाती है। ऐसी कार्यप्रणाली कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उज्जैन जिले से अपना स्थानांतरण करवा चुके हैं ।
.. इनका धंधा चमक गया
उज्जैन में पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर की पदस्थापना से गैरकानूनी धंधों पर बुरा असर पड़ा हो लेकिन उज्जैन में एक धंधा जरूर चमक गया है। यह धंधा जिम के व्यवसाय का है । उज्जैन जिले में पुलिस कप्तान की पदस्थापना के बाद का रिकॉर्ड देखा जाए तो दो हजार से ज्यादा युवाओं ने जिम ज्वाइन की है। इनमें से अधिकांश युवाओं का यही कहना है कि वे पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर जैसा दिखना और बनना चाहते हैं । पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर रोज 2 घंटे से ज्यादा समय व्यायाम करते हैं। इसके अलावा नियमित और संयमित होने के साथ-साथ वे खान-पान का भी मुख्य रुप से ध्यान रखते हैं । पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर भोपाल में हुई आईपीएस अधिकारियों की मीट में अपने शारीरिक क्षमता का जौहर दिखाते हुए प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं । इसके अलावा पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर देश के सबसे फिट अधिकारियों में अव्वल गिने जाते हैं। उनकी पदस्थापना और लोकप्रियता के कारण जिले ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी युवाओं का रुझान व्यायाम की ओर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा पुलिस विभाग में भी कई कर्मचारियों अफसरों ने वर्जिश शुरू कर दी है इस प्रकार उज्जैन जिले में जिम का व्यवसाय चमक गया है।
नेताओं से ज्यादा मिली बधाई..
आमतौर पर यह देखने को मिलता है कि वर्तमान समय में अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए जन्मदिन मनाए जाते हैं। यहां तक कि कई लोग तो अपनी नेतागिरी के चक्कर में साल में दो बार जन्मदिन मनाते हैं लेकिन IPS अधिकारी सचिन कुमार अतुलकर को जन्मदिन पर नेताओं से ज्यादा बधाइयां मिली। इससे भी उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है । पुलिस कप्तान का जन्म दिन बुधवार को था लेकिन वे शासकीय कार्य से भोपाल गए हुए थे इसलिए उनका जन्मदिन गुरुवार को मनाया गया। पुलिस विभाग के आला अधिकारियों कर्मचारियों से ज्यादा आम लोगों यहां तक कि कई जनप्रतिनिधियों ने भी पुलिस कप्तान को रूबरू बधाई दी।