चुनाव तो लड़ सकते है लेकिन उज्जैन में रात नहीं रूक सकते है सिंधिया
विक्रम सिंह जाट
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उज्जैन । मध्यप्रदेश कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के उज्जैन संभाग से चुनाव लड़ने की खबरों के बीच कई नए समीकरण सामने आ रहे हैं । उज्जैन संभाग में कुछ ऐसी विधानसभा सीटें हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया का इंतजार कर रही है। इनमें सबसे प्रमुख सीट उज्जैन उत्तर और मंदसौर की मानी जा रही है ।हालांकि अभी अटकलों का बाजार गर्म है लेकिन अगर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया उज्जैन संभाग से चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी मुश्किल मालवा क्षेत्र में खड़ी हो सकती है। बुधवार को सिंधिया ने भोपाल में एक बार फिर संकेत दिए कि वे उज्जैन संभाग से चुनाव लड़ सकते हैं।
विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही कांग्रेस की निगाह उज्जैन संभाग की ओर आकर टिक गई है। उज्जैन संभाग में कुल 29 विधानसभा सीटें हैं। वर्तमान समय में केवल एक सीट कांग्रेस के पास है , जबकि 28 सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में है। ऐसे में कांग्रेस उज्जैन संभाग को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण निगाह से देख रही है। इन सबके बीच यह खबर आ रही है कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया उज्जैन से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं ।उज्जैन संभाग में कई ऐसी विधानसभा सीटें हैं जिस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ सकते हैं। इन सीटों में उज्जैन उत्तर सीट भी मानी जा रही है। इसके अलावा मंदसौर सीट से भी ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ सकते हैं। मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान हुए गोलीकांड को कांग्रेस इस बार चुनाव में भुनाने जा रही है। इसके अतिरिक्त रतलाम जिले की बात की जाए तो रतलाम जिले के जावरा या रतलाम शहर से भी ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ सकते हैं। नीमच जिले की बात की जाए तो दोनों विधानसभा सीटें सामान्य है। इसके अतिरिक्त देवास में भी कई सिटी सामान्य है मगर फिलहाल बात उज्जैन जिले की सबसे तेजी से उठ रही है । उज्जैन संभागीय मुख्यालय होने के साथ-साथ पूरे संभाग के सभी जिलों का मध्य केंद्र है। अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया उज्जैन उत्तर से चुनाव लड़ते हैं तो भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
..इसलिए मंदसौर पर जोर
मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों की बात की जाए तो अधिकांश विधानसभा सीटें देहाती इलाकों की है और मध्य प्रदेश में चुनाव जीतने की भूमिका में सबसे बड़ी ताकत किसान है। किसानों को अपनी ओर आकर्षित किए बिना मध्य प्रदेश पर राज करना किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए नामुमकिन है। ऐसे में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मंदसौर से भी चुनाव लड़ सकते हैं। मंदसौर में हुए गोलीकांड के बाद देशभर में किसान आंदोलन हुआ था। इस किसान आंदोलन को भुनाने के लिए कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को मंदसौर से भी प्रत्याशी बना सकती है। एक और वजह यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अथवा सिंधिया परिवार का कोई भी सदस्य उज्जैन में रात नहीं रुकता है। दरअसल सिंधिया राजघराना परिवार महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश आया हुआ है और सिंधिया परिवार ने अपनी सबसे पहली राजधानी उज्जैन को बनाई थी। उज्जैन से सिंधिया परिवार का आज भी अत्यधिक लगाव है। मगर उज्जैन के राजा राजाधिराज महाकाल है, इसलिए सिंधिया परिवार का कोई भी सदस्य उज्जैन में रात नहीं रुकता है ।ज्योतिरादित्य सिंधिया सिंधिया परिवार के 14वीं पीढ़ी के सदस्य हैं। पुराने समय में सिंधिया परिवार ने उज्जैन में रात रुकने के लिए उज्जैन शहर से बाहर कालियादेह महल बनवाया था । ज्योतिरादित्य सिंधिया आज भी उज्जैन में रात नहीं रुकते हैं, इसलिए भी मंदसौर से चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद भी जनप्रतिनिधियों को अपने कार्य क्षेत्र में रात भी रुकना पड़ता है। ऐसी स्थिति में मंदसौर बेहतर विकल्प है।