जन्म से स्वर्णकार, दायित्व देशभक्ति और जनसेवा का और कर्म से पंडित..

उज्जैन। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि जन्म से कोई भी महान नहीं होता है महान बनने के लिए अच्छे कर्म करना पड़ते हैं और जिसके कर्म अच्छे रहते हैं वह अपने नाम से ज्यादा कर्मों से जाना जाता है। इस वक्तव्य पर उज्जैन के उपनिरीक्षक बिल्कुल खरे उतरते थे। उन्हें जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मों से पहचाना जाना जाता था।

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा की कमान संभालने वाले उप निरीक्षक हेमराज सोनी इस दुनिया से अलविदा कह चुके हैं। उपनिरीक्षक हेमराज सोनी भले ही स्वर्णकार समाज में जन्म लेकर देश भक्ति और जन सेवा के जज्बे के साथ पुलिस विभाग में सेवाएं दे रहे थे लेकिन वे कर्म से किसी पंडित से कम नहीं थे। उज्जैन के महाकाल मंदिर में सुरक्षा के जरिए सेवा करने वाले उपनिरीक्षक हेमराज सोनी का निधन हो गया है। वे सांवेर के पास कार से टक्कर के दौरान 3 अप्रैल 2018 को गंभीर रुप से जख्मी हो गए थे, जिसके बाद उन्हें इंदौर के अलग-अलग अस्पतालों में उपचार के लिए भर्ती कराया गया लेकिन उनकी हालत में अधिक सुधार नहीं हो पाया ।उपनिरीक्षक श्री सोनी पिछले कई सालों से पुलिस विभाग में सेवाएं दे रहे थे । जब उन्हें महाकाल मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए पदस्थ किया गया तो वे बड़े खुश हो गए। उन्होंने कई सालों तक महाकाल मंदिर में अपनी सेवाएं दी। इस दौरान उन्होंने पुलिस विभाग में अपनी अलग ही छवि बनाई। उनकी पहचान महाकाल के अनन्य भक्त के रूप में भी हुई । श्री सोनी एक पंडित की तरह चोटी रखते थे और प्रतिदिन भगवान महाकाल के दर्शन के बाद ही अपनी सेवा शुरू करते थे। श्री सोनी सावन के पूरे महीने उपवास रखकर शिव भक्ति में लीन रहते थे । यही वजह है कि महाकालेश्वर मंदिर में श्री सोनी सभी श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय थे । मंगलवार की रात उनका उपचार के दौरान अस्पताल में निधन हो गया । मूल रुप से श्री सोनी देवास के रहने वाले थे।

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