महिला की लज्जा भंग करने पर न्यायालय ने दी आरोपी को 01 वर्ष सश्रम की सजा
उज्जैन। न्यायालय श्रीमान गजेन्द्र सिंह, विशेष न्यायाधीश अतंर्गत अजा.अजजा. (अत्याचार निवारण) अधिनियम, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी संजय पिता रामाजी निवासी थाना माकड़ोन जिला उज्जैन को धारा 354 भादवि के अपराध के लिए 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रूपये जुर्माने से दण्डित किया गया।
अभियोजन मिडिया सेल प्रभारी ने बताया कि घटना इस प्रकार है कि पीड़िता थाना माकड़ोन क्षेत्र की निवासी होकर अनुसूचित जाति की सदस्य हैं। पीड़िता दिनांक 06.06.2013 की दोपहर लगभग 3ः00 बजे पीडिता अपने घर को लीप रही थी, उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था, घर में उसके 8 वर्षीय भांजे के अलावा कोई नहीं था, तभी आरोपी कालूसिंह और उसके साथी संजय के साथ पीडिता के घर में घुसे तो पीडिता खड़ी हो गई, तभी आरोपी कालू सिंह ने बुरी नियत से पीडिता का हाथ पकड़ लिया और आरोपी संजय उसे अपनी ओर खींचने लगा तो पीड़िता जोर से चिल्लायी तो पड़ोसी आ गए तो आरोपीगण वहा से भाग गए। शाम को पीड़िता ने पूरी घटना अपनी सास ससुर एवं पति को बताई और उनके साथ आरोपी के विरूद्ध थाना माकड़ोन में रिपोर्ट दर्ज कराई। थाना द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान के पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया।
प्रकरण में पीड़िता और आरोपी का राजीनामा हो गया तथा अभियुक्त कालू सिंह विचारण के दौरान फरार हो गया था।
दंड के प्रश्न पर अभियुक्त द्वारा प्रथम अपराध होना तथा राजीनामे के आधार पर उसके प्रति सहानुभूति पूर्वक विचार करने का निवेदन किया था।
न्यायालय ने निर्णय में लिखा है कि धारा 354 भारतीय दंड संहिता मैं संशोधन के पश्चात कम से कम 1 वर्ष का कारावास तथा 5 वर्ष तक के विस्तारित दंड का प्रावधान किया गया है तथा यह धारा राजीनामा योग्य नहीं है।
अभियोजन की और से विशेष लोक अभियोजक श्री राजेन्द्र कुमार चन्देल (अजाक) द्वारा तर्के में अभियुक्त को कठोर दण्ड देने का निवेदन किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री राजेन्द्र कुमार चन्देल उप-संचालक (अजाक), जिला उज्जैन द्वारा पैरवी की गई।