80 से अधिक संस्थाओं द्वारा कर्मयोगी कृष्णमंगल का अमृताभिनन्दन सम्पन्न

कर्मयोगी कृष्णमंगल आज समाज की आवश्यकता  है-डॉ. एस.एन. सुब्बराव
उज्जैन। कर्मयोगी वह होते है जो कर्मफल की चिन्ता किये बिना निरंतर समाज हित में कर्म करते रहते है। श्री कृष्णमंगल सिंह जी कुलश्रेष्ठ जी भी एक ऐसे व्यक्तित्व है जिन्होंने शैक्षणिक और सामाजिक उत्थान की दिशा में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। ऐसे व्यक्तित्व वर्तमान समाज की आवश्यकता है जो गांधी विचारों को आज भी अपने कृतित्व से युवा पीढ़ी तक पहुंचा रहे है। उक्त विचार वरिष्ठ गांधीवादी डॉ. एस.एन. सुब्बराव ने भारतीय ज्ञानपीठ में वरिष्ठ गांधीवादी, शिक्षाविद और समाजसेवी श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ के जीवन के 80वें वर्ष में प्रवेश के अवसर पर भारतीय ज्ञानपीठ (माधवनगर रेलवे स्टेशन के सामने, फ्रीगंज उज्जैन) में आयोजित अमृत महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। डॉ. एस.एन. सुब्बराव ने कहा – कि ऐसे व्यक्तित्व के कर्म अपने आप में एक तपस्या होते है और ऐसे कर्मों से हमें निरन्तर प्रेरणा लेते रहना चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व महाधिवक्ता श्री आनन्दमोहन माथुर ने कहा कि श्रीकृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ ने हमेषा निष्ठा और समर्पण के साथ समाज की सेवा की है। समाज में सद्भावना कायम करने की दिषा में वे एक मिसाल है।
इस अवसर पर शहर की विभिन्न 80 से अधिक संस्थाओं द्वारा श्रीकृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ अमृताभिनन्दन किया गया एवं विभिन्न गणमान्य नागरिकों के द्वारा सार्वजनिक अभिनन्दन भी किया गया। संभागीय सर्तकता समिति के अध्यक्ष श्री शशिमोहन श्रीवास्तव, अ.भा. कायस्थ महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अशोक श्रीवास्तव, आयुर्वेद महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य, डॉ. यू.एस. निगम, वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी श्री प्रेमनारायण नागर एवं साई फाउण्डेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष की के.पी. डोगरा जी ने भी शुभकामना व्यक्त की।
अमृत महोत्सव में श्रीकृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ के तुलादान की विधि सम्पन्न हुई जिसमें उन्हें मिठाईयों एवं फलों से तोला गया। इस अवसर पर श्रीकृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ के जीवन चरितत्र पर आधारित एक गं्रथ ‘‘कर्मयोगी कृष्णमंगल ’’ का लोकार्पण भी किया गया।
श्रीकृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ के जीवन दर्शन पर आधारित एक वृत्तचित्र का प्रदर्शन भी इस अवसर पर किया गया। समिति की ओर से श्रीकृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ को एक अभिनन्दन पत्र भी भेंट किया गया एवं शाल व श्रीफल से उनका सम्मान भी किया गया।
इस अवसर पर श्रीकृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ ने अपना संदेश देते हुए कहा कि आप सभी के अपार प्रेम और विश्वास का परिणाम है कि मैं अपने जीवन में तय किये उद्दश्यों की पूर्ति कर पा रहा हूं । समाजहित, नारी सशक्तिकरण की दिशा में कई और महत्वपूर्ण कार्य है जो निरंतर किये जाना है।
इस अवसर पर कर्मयोगी कृष्णमंगल गं्रथ के संपादक मंडल सदस्य डॉ. रमेश दीक्षित, डॉ. शिव चौरसिया, श्री श्रीराम दवे, डॉ. पिल्केन्द्र अरोरा, डॉ. चन्दर सोनाने, श्री अक्षय अमेरिया, श्री संदीप कुलश्रेष्ठ, श्री पुष्कर बाहेती, श्री सिद्धार्थ जैन, डॉ. राजेन्द्र सक्सेना, श्री अनिल गुप्ता का सम्मान भी किया गया।
संचालन महाविद्यालयीन निदेशक डॉ. गिरीश पण्ड्या ने किया।
अ.भा. सद्भावना व्याख्यानमाला में कल दिनांक 27 सितम्बर 2018 गुरूवार के व्याख्यान
सोलहवीं अ.भा. सद्भावना व्याख्यानमाला दिनांक 27 सितम्बर 2018 को सांय 5 बजे से प्रंशाति धाम, नई दिल्ली के ट्रस्टी श्री के.पी. डोगरा जी द्वारा ‘ मानवता की निस्वार्थ सेवा’ विषय पर व्याख्यान दिया जायेगा।
प्रेषक
डॉ. गिरीश पण्ड्या
संयोजक
श्रीकृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ अमृतमहोत्सव समिति

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