उज्जैन। पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर की जब से पदस्थापना हुई है तब से माफियाओं पर लगातार अंकुश लगा है। उज्जैन में एक तरफ जहां जुआ और सट्टा पूरी तरह बंद हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ अलग अलग माफियागिरी भी बंद हो गई है। उज्जैन में अभियान पवित्र के जरिए हजारों की संख्या में असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई हो चुकी है। इसके अलावा रिकॉर्ड तोड़ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के साथ साथ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और जिला बदर के तहत भी अपराधियों को तड़ीपार कर किया जा चुका है । पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर के पास मामला पहुंचने के बाद ताबड़तोड़ न्याय मिल जाता है। इसके अलावा वे स्वयं पूरे मामलों की निगरानी करते हैं। ऐसी स्थिति में ग्राउंड लेवल पर भी पुलिसकर्मी जी तोड़ मेहनत करते हैं। पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर की सबसे बड़ी खासियत है कि वे जितनी मेहनत करते हैं उतना ही पुलिस की टीम को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ दिल खोलकर पुरस्कार भी देते हैं । पूरे मामलों में सूचना देने वालों का भी पूरी तरह ध्यान रखा जाता है। पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर का स्वयं एक बड़ा नेटवर्क है। इसके अलावा आईपीएस अधिकारी अभिजीत रंजन और एडिशनल एसपी प्रमोद सोनकर, नीरज पांडे का भी शहर में बड़ा खुफिया तंत्र है। जिला पुलिस बल को सीआईडी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों से पहले जानकारी मिल जाती है। पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर ऐसे आईपीएस अधिकारी है जो बिना किसी राजनीतिक दबाव में काम करते हैं । जब पुलिस कप्तान का डंडा चलता है तो आम और खास सब एक श्रेणी में आ जाते हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ समय में पुलिस के प्रति आम लोगों का काफी विश्वास जगा है। खैर दुर्लभ की बात की जाए तो पुलिस अधीक्षक ने जब उसकी तरफ तिरछी निगाह से देखा तो वहां तोते की तरह सब कुछ बयां करने लगा। उसके बयान के आधार पर अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो पाई है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो संरक्षण दाता से लेकर अन्य लोगों के बारे में भी दुर्लभ ने हो जानकारी दी थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह गैंग आने वाले समय में अपना विस्तारीकरण करने के साथ-साथ बड़ी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में था। गैंग ने ऐसे कई राज खोले हैं जो सुनकर पुलिस अधिकारियों के कान खड़े हो गए है। यह भी बताया जा रहा है कि यह गैंग नहीं पकड़ाता तो चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पैदा कर सकता था।