आईएएस आर्य की काबिलियत ने वरिष्ठता को पीछे छोड़ दिया..

भोपाल। कहा जाता है कि इंसान कर्म से पूजा जाता है उसके वरीयता से नहीं.. ऐसा ही कुछ देखने को मिलता है आईएएस अफसर दीपक आर्य के मामले में ।

आईएएस अधिकारी दीपक आर्य रिजल्ट देने के साथ-साथ समाज के अंतिम पंक्ति तक सरकारी योजना का लाभ पहुंचाने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं । उनके कार्यकाल की बात की जाए तो उन्होंने बड़वानी में एसडीएम के पद पर अपनी प्रशासनिक क्षमता की ताकत दिखाई । उन्होंने केवल प्रशासनिक क्षेत्र में ही नहीं बल्कि जन समस्याओं से जुड़े क्षेत्रों में भी काम किया। इसी वजह से बड़वानी में काफी लोकप्रिय रहे। इसके बाद उन्हें विदिशा में जिला पंचायत सीईओ बनाकर भेजा गया। साल 2015 में जिला पंचायत विदिशा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बने।  विदिशा में भी उन्होंने अपनी प्रशासनिक दक्षता का हुनर दिखाते हुए काफी लोकप्रियता हासिल की। इसके अलावा उन्होंने तालमेल के साथ आम लोगों को लाभ पहुंचाने में कोई कसर छोड़ी। विदिशा में आईएएस अधिकारी दीपक आर्य ने कमजोर और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को आईएएस और आईपीएस बनने के लिए मार्गदर्शन दिया। इसके अलावा कोचिंग के जरिए उन्हें पढ़ाया भी। इसके बाद उनकी कार्य क्षमता ही नहीं बल्कि सामाजिक दृष्टि को लेकर भी प्रदेश भर में तारीफ हुई।

इसके बाद श्री आर्य को उज्जैन भेजा गया । अपर कलेक्टर के रूप में उज्जैन में राजस्व संबंधी कई मामलों में उन्होंने महत्वपूर्ण कार्रवाई कर लोगों की समस्याओं को हल किया। इसके अलावा निर्वाचन संबंधी कार्यों में भी श्री आर्य ने दिन रात मेहनत की। यही कारण है कि वरिष्ठता क्रम तोड़कर काबिलियत मौका दिया गया। श्री आर्य को पिछले दिनों बालाघाट कलेक्टर बनाकर पदस्थ किया गया है।  26 दिसंबर को बालाघाट में कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया । बालाघाट में पद भार ग्रहण करने के साथ ही श्री आर्य ने आम लोगों की समस्याएं और शासन की योजनाएं आम लोगों तक पहुंचने का प्रयास शुरू कर दिए हैं । श्री आर्य सन 2012 की बैच के आईएएस अफसर है जबकि साल 2011 बैच के कई आईएस अफसरों को कलेक्ट्ररी नहीं मिल पाई है।  श्री आर्य की काबिलियत ने वरिष्ठता नियम तोड़ दिया है। सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जो काबिल होगा उसे ज्यादा काम करने का मौका दिया जाएगा।

विक्रमसिंह जाट

9827093651

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