उज्जैन वालो चिंता की जरूरत नहीं.. स्नान भी होगा और प्यास भी बुझेगी..

उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन के लोगों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है । गंभीर नदी से 7 एमसीएफटी पानी शिमला में डालने के बाद भी उज्जैन शहर के लोगों को गर्मी के मौसम में पानी का कोई संकट नहीं आएगा। एनवीडीए ने वादा किया है कि पेयजल के लिए 7 एमसीएफटी से ज्यादा पानी वापस दिया जाएगा इतना ही नहीं पेयजल को लेकर अभी से कई प्रकार की रणनीति तैयार की जा रही है।

उज्जैन के नवागत कमिश्नर अजीत कुमार और कलेक्टर शशांक मिश्रा ने पदभार ग्रहण करने के बाद ही शिप्रा नदी को लेकर चिंता जाहिर की। प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है और रणनीति तैयार की जा रही है, ताकि मकर संक्रांति पर्व का स्नान निर्विघ्न संपन्न हो सके।  इसके लिए शिप्रा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ाया जा रहा है । एक तरफ जहां गंभीर नदी से 7 एमसीएफटी पानी शिप्रा नदी में डाला जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अन्य प्रयासों से भी शिप्रा  नदी का जलस्तर लगातार बढ़ाने की कोशिश जारी है। गौरतलब है कि सिंहस्थ महापर्व के दौरान नर्मदा का पानी शिप्रा में छोड़ा गया था। इस बार भी मकर संक्रांति का स्नान नर्मदा शिप्रा और गंभीर के जल से संपन्न होगा। शिप्रा में स्नान को लेकर किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आए इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की जा रही है । इसके अलावा सवाल यह भी खड़े हो रहे थे कि उज्जैन शहर में पानी की गर्मी के दिनों में किल्लत हो जाती है। ऐसी स्थिति में गंभीर नदी का जल में डालने से गर्मी के दिनों में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इस सवाल का जवाब भी उज्जैन के प्रशासनिक अधिकारियों ने दिया है। कलेक्टर शशांक मिश्रा के अनुसार एनवीडीए द्वारा पेयजल को लेकर भी पर्याप्त जल उपलब्ध कराया जाएगा। इसे लेकर के वरिष्ठ अधिकारियों ने आश्वासन दिया है । इस रणनीति के तहत उज्जैन में गर्मी के दिनों में भी जल संकट नहीं होगा ।पीएचई के अधिकारियों के मुताबिक गंभीर जुलाई माह का पानी संरक्षित है। ऐसी स्थिति में आम लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं उठाना पड़ेगी । इतना ही नहीं गर्मी के दिनों में आने वाले जल संकट को लेकर अभी से प्रशासनिक तैयारियों में जुट गया है । उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्रा पिछले कुछ सालों के रिकॉर्ड पर भी नजर डाली डाली जा रही है। इसके अलावा अन्य कई इंतजाम भी किए जा रहे हैं जिसकी वजह से गर्मी के दिनों में उज्जैन के लोगों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़े।

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