उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन को पूरे देश में एक नई पहचान स्वच्छता के रूप में मिली है । इस पहचान को दिलाने में उज्जैन शहर के आम लोगों का सबसे बड़ा योगदान है , लेकिन जिस प्रकार की रणनीति आईएएस अफसरों ने तैयार की उसे भी नकारा नहीं जा सकता है।
उज्जैन को 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में पूरे देश में स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन मिला है। इस खिताब को मिलने से उज्जैन की छवि और अधिक निखर गई है । इसका लाभ उज्जैन में आने वाले समय में साफ देखने को मिलेगा। उज्जैन में एक और जहां पर्यटन बढ़ेगा, वहीं दूसरी और व्यापार और अन्य लाभ भी आने वाले समय में साफ तौर पर देखने को मिलेंगे। इतना ही नहीं इंदौर के नंबर वन आने से भी उज्जैन को काफी लाभ पहुंचने वाला है । उज्जैन को नंबर वन बनाने में 4 आईएएस अफसर का महत्वपूर्ण योगदान है। इनमें सबसे अधिक योगदान पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह और नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल का भी है।
आईएएस संकेत भौंडवे- उज्जैन कलेक्टर के रूप में आईएस अफसर संकेत भोंडवे ने धार्मिक नगरी की ओर देश भर का ध्यान आकर्षित करने के लिए यहां पर मैरिज डेस्टिनेशन की शुरुआत की। इसके अलावा स्वच्छता को लेकर भी विशेष रूप से तैयारियां की। इसके बाद महाकालेश्वर मंदिर को स्वच्छ धार्मिक स्थल के सर्वेक्षण में बड़ा पुरस्कार मिला। इससे आम लोगों की जागरुकता और तत्परता अधिक बढ़ गई। इसका लाभ भी स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन आने का मिला।
आईएएस मनीष सिंह- उज्जैन के पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह ने तो उज्जैन को नंबर वन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ये वही आईएएस अफसर हैं जिनकी वजह से इंदौर लगातार दो बार नंबर वन पर रहा और इस बार भी वह नंबर वन पर है । इंदौर नगर निगम आयुक्त रहते हुए आईएएस अफसर मनीष सिंह ने जिस प्रकार की रणनीति तैयार की उससे इंदौर देश के सबसे स्वच्छ शहरों में नंबर वन पर शामिल हो गया। इसके बाद उन्होंने उज्जैन में भी अतिक्रमण मुहिम से लेकर सफाई व्यवस्था को लेकर बड़ा अभियान चलाएं, जिसका लाभ उज्जैन को मिल रहा है ।आईएएस अफसर मनीष सिंह महाकालेश्वर मंदिर से लेकर अन्य धार्मिक स्थलों के विकास कार्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उज्जैन को नंबर वन बनाने में आईएएस अफसर मनीष सिंह नींव के पत्थर साबित हुए हैं।
आईएएस शशांक मिश्र- उज्जैन के वर्तमान कलेक्टर शशांक मिश्र ने भी सफाई व्यवस्था को लेकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है । उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों के लगातार बैठकर ली । इसके अलावा सफाई व्यवस्था को लेकर लोगों को भी जागरूक करने की दिशा में नए कदम उठाए हैं । इसका लाभ आने वाले समय में मिलेगा।
आईएएस प्रतिभा पाल- उज्जैन को नंबर वन की पायदान पर खड़ा करने में नगर निगम के आयुक्त प्रतिभा पाल का भी महत्वपूर्ण योगदान है । उन्होंने बिना किसी दबाव और प्रभाव के सफाई व्यवस्था को लेकर किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने हमेशा शहर को नंबर वन लाने के लिए प्रयास किए । उनके प्रयासों की बदौलत ही नगर निगम का अमला पहले से कई गुना ज्यादा सक्रिय नजर आया। इसके बाद उज्जैन को 1000000 तक की आबादी वाले शहरों में अव्वल स्थान मिला है । आईएएस अफसर प्रतिभा पाल ने दिन और रात की परवाह किए बिना सफाई व्यवस्था को लेकर लगातार मॉनिटरिंग की। इसके अतिरिक्त शिप्रा नदी से निकलने वाले कपड़े आदि को डिसपोजल कर कागज बनाने की मुहिम चलाई। इसके अलावा एनजीओ के माध्यम से भी सफाई व्यवस्था को लेकर लोगों को जागरुक करने का काम किया। इसी वजह से उनका आम योगदान रहा है।
विक्रमसिंह जाट
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