उज्जैन। जब भी कोई बड़ी उपलब्धि हासिल होती है तो इसका श्रेय किसी एक वर्ग या तबके को नहीं जाता है बल्कि सामूहिक प्रयास से ही बड़ी सफलता अर्जित होती है । यह बात एक बार नहीं बल्कि कई बार साबित हो चुकी है। उज्जैन को नंबर वन बनाने में जितनी कोशिश जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन ने की है, उतना ही सहयोग पुलिस प्रशासन की ओर से भी मिला है । इसी वजह से हम कह रहे हैं कि उज्जैन के नंबर वन बनने में पुलिस कनेक्शन भी शामिल है।
उज्जैन को नंबर वन बनाने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा कई बार अतिक्रमण मुहिम चलाई गई । इसके अलावा कई ऐसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए जिसके विरोध की संभावनाएं भी प्रबल थी। ऐसी स्थिति में उज्जैन पुलिस द्वारा पूरा सहयोग किया गया जिसके कारण जिला प्रशासन और नगर निगम की राह आसान हो गई। उज्जैन के पूर्व कलेक्टर संकेत भोंडवे, मनीष सिंह को पूरा सहयोग उज्जैन पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर की ओर से मिला । इतना ही नहीं पुलिस महानिरीक्षक राकेश गुप्ता की ओर से भी समय-समय पर जिला प्रशासन को लगातार सहयोग किया गया । पुलिस महकमे ने जिला प्रशासन और नगर निगम के साथ कदम से कदम मिलाकर अभियान में हिस्सा लिया। पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर ने अभियान पवित्र के जरिए हजारों गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करवाई, जिसकी वजह से शहर के कई प्रमुख स्थानों पर असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए अतिक्रमण को आसानी से हटाया जा सका। इसके अलावा कई और ऐसे प्रयास भी पुलिस विभाग की ओर से सहयोग मिलने पर सफल हुए जिसकी उम्मीद पहले कभी नहीं की जा सकती थी। इन्हीं सब संयोग के कारण केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में उज्जैन को अव्वल स्थान मिला है। इसके अलावा देश के स्वच्छता सर्वेक्षण में उज्जैन का चौथा नंबर आया है। पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह की बात की जाए तो उन्होंने एक दो नहीं बल्कि लगातार कई हफ्ते तक निगम के सहयोग से अतिक्रमण मुहिम चलवाई। इस दौरान पुलिस कप्तान सचिन कुमार अतुलकर द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में नगर निगम की अतिक्रमण मुहिम को सपोर्ट किया गया था।
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