चोरों के मददगार थानेदार को ढूंढ निकाला रतलाम एसपी ने.. निलंबित

रतलाम।  ऐसा कहा जाता है कि जो अपराध रतलाम जिले की सीमा में घटित हो कर पुलिस के पास पहुंचता है.. वह आईपीएस अधिकारी और रतलाम एसपी गौरव तिवारी की नजर से बच पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है.. चोरों के मददगार थानेदार को आईपीएस अधिकारी गौरव तिवारी ने पूरे थाने के बीच से ढूंढ निकाला और फिर निलंबित कर दिया।

रतलाम एसपी गौरव तिवारी पदभार ग्रहण करने के बाद से ही लगातार जिले भर में आम लोगों को न्याय दिलाने के साथ-साथ भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सिस्टम को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं । सबसे बड़ी बात यह है कि किसी व्यक्ति की बुरी आदत छुड़ाना बेहद आसान होता है लेकिन पूरे सिस्टम को दुरुस्त करना काफी मुश्किल काम होता है। इस मुश्किल काम को करने में पिछले डेढ़ साल से रतलाम एसपी गौरव तिवारी कामयाब हुए हैं । रतलाम जिले में कोई भी ऐसा प्रकरण घटित होता है जिसमें पुलिस की कार्रवाई निष्पक्ष होने की संभावना कम रहती है तो ऐसे प्रकरण को तुरंत पुलिस अधीक्षक स्वयं संज्ञान लेकर राजपत्रित अधिकारी के माध्यम से कार्रवाई करवाते हैं। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों औद्योगिक थाना क्षेत्र रतलाम में सामने आया । औद्योगिक थाना रतलाम में वीरेंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने लाखों रूपये कीमत के जियो कंपनी के पाईप चोरी होने की शिकायत की थी । इस मामले में पुलिस ने इंदौर के समीप चापड़ा में रहने वाले सूरज और उसके साथियों को हिरासत में लिया। दरअसल पूरा मामला उपनिरीक्षक अल्केश सिंघाड़ के पास था लेकिन इस मामले में थाने के उपनिरीक्षक जितेंद्र पाल सिंह जादौन कूद गए। उन्होंने चापडा में कार्रवाई करते हुए सूरज को पकड़ लिया। इसके बाद इंदौर के कबाड़ी मिराज का नाम सामने आया । जब पुलिस ने आरोपियों से कड़ी पूछताछ की तो सूरज ने सारे राज उगल दिए । इसके बाद पूरी पिक्चर क्लियर हो गई लेकिन गड़बड़ी करने के लिए थानेदार जादौन ने चोरों के साथ सांठगांठ कर अन्य आरोपियों को बचाने की कोशिश की। इतना ही नहीं चोरी का माल भी पूरी तरह बरामद नहीं किया। जब यह मामला आईपीएस अधिकारी गौरव तिवारी के संज्ञान में पहुंचा तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। पुलिस कप्तान ने दोषी उप निरीक्षक को निलंबित करते हुए लाइन में आमद देने के निर्देश जारी किए हैं । इस पूरे मामले में जांच अधिकारी की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा पूरे प्रकरण की विभागीय जांच हो रही है । पुलिस कप्तान का न्याय देखकर रतलाम ही नहीं बल्कि आसपास के दूसरे जिलों में भी प्रशंसा हो रही है। आमतौर पर यह देखने में आता है कि पुलिस अधिकारी पुलिस वालों का ही पक्ष लेते हैं लेकिन पुलिस कप्तान ने ऐसी कई मिथक तोड़ते हुए न्याय का पक्ष लिया है। इस मामले में अभी भी पुलिस की कार्रवाई जारी है । आरोपियों का लगातार लिया जा रहा है और पुलिस रिमांड के दौरान उस माल को जप्त करने की कार्रवाई हो रही है जो माल जादौन ने जप्त नहीं किया था।

तीन थाने बदल दिए..

पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने सबसे पहले औद्योगिक थाने का मामला वही के अधिकारियों को निपटाने के निर्देश दिए। इसके बाद मामला सालाखेड़ी थाने पहुंचा इतना ही नहीं बाद में इसे दो बत्ती थाने पहुंचा दिया गया। पूरे मामले की जांच सीएसपी रतलाम द्वारा की गई बताया जाता है कि उप निरीक्षक के खिलाफ चोरों ने खुलेआम आरोप लगाए , जिसे बतौर सबूत रिकॉर्ड में रखे गए हैं।

प्रकरण में गड़बड़ी  की शिकायत मिली थी इसके अलावा उपनिरीक्षक जादौन की भूमिका संदिग्ध दिखाई दे रही थी इसलिए थानेदार को निलंबित किया गया है। अभी माल बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रकरण में जो भी तथ्य के सामने आएगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी

– गौरव तिवारी, एसपी रतलाम

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