महाकाल मंदिर की खबर को लेकर बड़ी लापरवाही, पुलिस और मीडिया के बीच असमंजस..

उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती को लेकर दलाली के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं । हालांकि दलाली के एक मामले में महाकाल मंदिर समिति की जनसंपर्क अधिकारी के नाम से जो प्रेस नोट जारी किया गया है,  उससे असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।

महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती को लेकर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। महाकाल मंदिर में भस्म आरती की दलाली करते हुए राहुल जोशी नामक फर्जी पत्रकार ने अपने साथी रजत और गोपाल बैरागी के साथ मिलकर श्रद्धालुओं को 56 सो रुपए की चपत लगा दी। इस मामले में महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा महाकाल थाना पुलिस को उक्त तीनों लोगों के खिलाफ आवेदन दिया है ।महाकाल थाना पुलिस ने समाचार लिखे जाने तक कोई भी एफ आई आर दर्ज नहीं की थी। दरअसल महाकाल मंदिर समिति ने केवल आवेदन महाकाल थाने को सौंपा है, लेकिन पुलिस को पुख्ता तौर पर कार्रवाई करने के लिए तमाम सबूत एकत्रित करना पड़ते हैं। जब माननीय न्यायालय में चालान पेश होता उस समय पुलिस को काफी मशक्कत करना पड़ती है । दूसरी तरफ महाकालेश्वर मंदिर समिति की जनसंपर्क अधिकारी गोरी जोशी के नाम से एक प्रेस नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । इस प्रेस नोट में लिखा है कि उक्त तीनों आरोपियों के खिलाफ महाकाल थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। इसके अलावा महाकाल थाना पुलिस ने जिन धाराओं में दर्ज किया है वह भी प्रेस नोट में अंकित की गई है । यह बात सर्वविदित है कि महाकाल मंदिर समिति के कर्मचारियों और अधिकारियों से ज्यादा धाराओं का ज्ञान पुलिस को है। ऐसी स्थिति में पुलिस को ज्ञान बांटते हुए धाराएं तक अंकित की जा रही है। इस पूरे मामले में मीडिया और पुलिस के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। महाकाल थाने के पुलिसकर्मियों ने बताया कि महाकाल मंदिर की ओर से आवेदन प्राप्त हुआ है। इस आवेदन की जांच अधिकारी द्वारा जांच करते हुए कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि पुलिस के मामलों में पुलिस अधिकारियों को ही प्रकरण संबंधी औपचारिक जानकारी देने का अधिकार है । हालांकि महाकाल मंदिर समिति की ओर से होमगार्ड की एक महिला अधिकारी द्वारा भी प्रकरण दर्ज किए जाने की जानकारी मीडिया को दी जा रही है। ऐसे में मीडिया और पुलिस के बीच सब कुछ गोलमाल नजर आ रहा है। पुलिस अधिकारियों द्वारा महाकाल मंदिर समिति और महाकाल मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी द्वारा दी जा रही प्रकरण दर्ज करने की जानकारी से आश्चर्य है। गौरतलब है कि महाकालेश्वर मंदिर से विश्व भर के श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है। ऐसे में मंदिर से जुड़ी एक भी गलत जानकारी श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत कर सकती है । यही वजह है कि महाकाल मंदिर समिति को प्रेस नोट जारी करने से पहले पुख्ता जानकारी एकत्रित कर लेना चाहिए।

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