कमलनाथ सरकार का नया सालः शरीफों को बधाई, बदमाशों की बिदाई

उज्जैन। कमलनाथ सरकार के राज में नए साल की शुरुआत ऐसी हुई है कि यह नया साल कोई भी भूल नहीं पाएगा। माफियाओं के खिलाफ जो कमलनाथ सरकार ने अभियान चलाया है, उससे स्पष्ट संदेश नजर आता है मध्यप्रदेश में शरीफों को नए साल की बधाई और बदमाशों की विदाई। यहां पर माफिया को विदाई कहकर कमलनाथ सरकार ने आम लोगों को राहत पहुंचाने वाला बड़ा संदेश दिया है । कुल मिलाकर यह कहे कि कमलनाथ सरकार ने नए साल का जश्न के बीच माफियाओं की मध्य प्रदेश से विदाई का संदेश सुना दिया है।

अभी तक कांग्रेस के राजनीतिक विपक्षी दल यह आरोप लगाते आते रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार में गुंडागर्दी और माफिया पनपते हैं लेकिन कमलनाथ सरकार ने जो अभियान चलाया है उससे आरोप लगाने वालों के मुंह पर हमेशा के लिए ताले जड़ गए हैं। कमलनाथ सरकार ने जिस प्रकार माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया है उससे आम लोगों के बीच सरकार का विश्वास बहुत अधिक बढ़ गया है ।

उज्जैन संभाग की बात की जाए तो यहां पर रिकॉर्ड तोड़ कार्रवाई हुई है। कमलनाथ सरकार के अभियान की शुरुआत इंदौर से जरूर हुई है लेकिन इसका बड़ा असर उज्जैन संभाग में भी देखने को मिल रहा है। वैसे तो उज्जैन संभाग के 2 जिले उज्जैन और रतलाम में पिछले 2 साल से माफियाओं के खिलाफ सतत अभियान चलता आ रहा है लेकिन देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच में भी रिकॉर्ड तोड़ कार्रवाई हुई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नए साल के शुरुआती दौर में जिस प्रकार के विवाद और झगड़े हर साल सामने आते हैं, इस बार ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया है। स्पष्ट है कि सरकार की सख्ती का असर माफियाओं पर ही नहीं बल्कि छूट भैया गुंडों पर भी स्पष्ट देखा जा रहा है।

कमलनाथ सरकार ने जब से कार्यभार संभाला है तब से आम लोगों के हित में कार्य करने का दावा किया है । दूसरी तरफ जिस प्रकार से अधिकारियों की पोस्टिंग की गई है उससे भी कमलनाथ सरकार की कार्रवाई का असर साफ देखने को मिल रहा है । पूर्व में विपक्षी दल कमलनाथ सरकार व तबादला उद्योग चलाने का आरोप लगा रहे थे लेकिन जब से माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई है तब से कमलनाथ सरकार के इरादे स्पष्ट हो गए हैं। पहले सरकार ने अधिकारियों की क्षमता के अनुरूप उन्हें अलग-अलग स्थानों पर पदस्थ किया, इसके बाद उन अधिकारियों के माध्यम से माफियाओं को खत्म करने की कार्रवाई शुरू की । मुख्यमंत्री कमलनाथ में पुलिस को भी फ्री हैंड दे दिया है। इसके अलावा जिला प्रशासन को भी फ्री हैंड करते हुए माफियाओं को खत्म करने के निर्देश दिए हैं ।

सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप भी सामने नहीं आ रहा है । जिन नेताओं के नाम माफियाओं से जुड़ रहे हैं वे भी अब स्पष्टीकरण देते नजर आ रहे हैं । कुल मिलाकर पिछले कुछ सालों में जो माफिया पनपा था उसे जड़ से खत्म करने का अभियान जारी है। बड़ी बात यह है कि राजनीतिक स्तर पर ऐसे फैसले लेना काफी कठिन होता है। कुुछ माफिया से लड़ाई लड़ना अलग बात है लेकिन माफियाओं के खिलाफ संयुक्त रूप से अभियान चलाना सरकार का बेहद कठोर निर्णय है। गौरतलब है कि उज्जैन संभाग में ऐसे ऐसे माफियाओं पर पुलिस और प्रशासन में नकेल कस दी है, जहां पर पहले पुलिस और प्रशासन सीधे रूप से कार्रवाई नहीं कर पा रहा था। यही वजह है कि मध्य प्रदेश की हृदय स्थली उज्जैन में भी जिन माफियाओं ने पैर पसार लिए थे अब उज्जैन संभाग से उन माफियाओं की लगातार विदाई हो रही है। जिन बदमाशों के नाम पहले अखबार की सुर्खियां बनते थे अब वे बदमाश अपने मकानो और प्रतिष्ठान बचाने के लिए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं। कमलनाथ सरकार ने नए साल की शुरुआत माफियाओं के खात्मे के साथ की है। ऐसा माना जा रहा है कि साल 2020 उन सभी माफियाओं को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा जो अभियान के दौरान साल 2019 में बच गए हैं।

आईजी कर रहे है मानीटरिंग

मक्खियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई को लेकर संभागीय मुख्यालयों पर आईजी रैंक के अधिकारी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उज्जैन में आईजी राकेश गुप्ता पूरे संभाग में हो रही कार्रवाई हो पर नजर जमाए हुए हैं । आईजी राकेश गुप्ता ने बताया कि सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए । इसके अलावा कार्रवाई में निष्पक्षता और नियमों का भी पूरा पालन कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रतलाम, मंदसौर और उज्जैन में काफी अच्छी कार्रवाई हुई है। इसके अलावा शेष जिलों में भी माफियाओं को खत्म करने का कार्य हुआ है,  यह अभियान जारी रहेगा।

उज्जैन से फरार बदमाश वापस नहीं लौटे

उज्जैन एसपी सचिन कुमार अतुलकर के कार्यकाल में अभियान पवित्र के दौरान बदमाशों के खिलाफ ऐतिहासिक कार्रवाई हुई है । जो बदमाश पिछले कुछ सालों में उज्जैन में लगातार अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे थे वे या तो जेल में है या फिर उज्जैन जिले की सीमा से बाहर पलायन कर गए हैं। जो बदमाश उज्जैन जिले से बाहर गए हैं वे वापस नहीं लौट रहे हैं। पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर की सख्ती के कारण अपराधिक वारदातों के ग्राफ में काफी कमी आई है।

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