गृह मंत्रालय ने भी जारी किया था महावीर प्रसाद को लेकर सख्त नोटिस.. देखिये खास रिपोर्ट

उज्जैन। नेपाल के उप राष्ट्रपति के सलाहकार बताने वाले महावीर प्रसाद की मुश्किलें और बढ़ गई है। पुलिस विभाग के हाथ एक ऐसा पत्र लगा है। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महावीर प्रसाद तोरड़ी को लेकर अलर्ट जारी किया था।

माधवनगर पुलिस की गिरफ्त में आए महावीर प्रसाद तोरड़ी और उसके परिवार के दो अन्य सदस्यों को लेकर पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस प्रकार का गिरोह किसी बड़ी साजिश को भी अंजाम दे सकता था। इस गिरोह को लेकर गृह मंत्रालय तक शिकायत हुई थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने साल 2019 में एक अलर्ट जारी किया था। यह भी कहा गया था कि महावीर प्रसाद एक फर्जी गिरोह चलाता है और इसकी आड़ में वह देशभर में ठगी करता है। सूत्रों के मुताबिक यह गोपनीय पत्र पुलिस विभाग के तमाम बड़े अधिकारियों को मेल हुआ था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसी प्रकार का एक पत्र राजस्थान सरकार द्वारा भी लिखा जा चुका है। बताया जाता है कि महावीर प्रसाद तोरडी साल 1984 से लगातार ठगी की वारदातों को अंजाम दिया। वह ठगी की वारदातों में इतना माहिर हो गया कि बड़े-बड़े अधिकारियों को भी अपने पद का प्रभाव बताते हुए चुना लगा देता था । उसने उज्जैन, आगर ही नहीं बल्कि देश के कई बड़े शहरों में वीआईपी सुविधा प्राप्त की। उज्जैन पुलिस अब लगातार महावीर प्रसाद को लेकर अलग-अलग स्थानों पर पत्र भी भेज रही है। “उज्जैन चर्चा” के हाथ एक ऐसा गोपनीय पत्र लगा है जो गृह मंत्रालय की ओर से जारी हुआ है। गौरतलब है कि प्रसाद को लेकर मध्यप्रदेश की राजस्थान पुलिस भी लगातार परेशान हो चुकी है। पंजाब में वह झेड प्लस सुविधा प्राप्त कर चुका है। महावीर प्रसाद के खिलाफ राजस्थान में भी कई मुकदमे दर्ज हैं। बताया जाता है कि वह खुद को नेपाल के उपराष्ट्रपति का सलाहकार बताता था लेकिन जब उसे उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद उपराष्ट्रपति का नाम पूछा गया तो वह नाम भी नहीं बता पाया।

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