6 दिनों में ऐसा क्या हो गया महाराज… अब किसान और जनता किस पर करें भरोसा…

भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच अच्छा तालमेल चल रहा था.. सब कुछ ठीक रहने के बीच सिंधिया ने सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाते हुए 6 दिन पहले करैरा विधानसभा में ऋण मुक्ति के प्रमाण पत्र भी वितरित किए थे.. यह जानकारी और चित्र उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया लेकिन 6 दिनों में ऐसा क्या हो गया कि सब कुछ पलट गया…

राजनीति में कब क्या हो जाए यह कुछ कहा नहीं जा सकता। इस बात की तस्दीक मध्य प्रदेश के वर्तमान हालातों को देखकर की जा सकती है। वर्तमान समय में ज्योतिराज सिंधिया के स्वर मुखर हो जाने की वजह से बगावत की आग लग गई है। बगावत इतनी बढ़ गई है कि अब कांग्रेस को ही कांग्रेस से खतरा हो गया है। इतना ही नहीं कल तक जो कंधे से कंधा मिलाकर साथ में खड़े थे अब वह एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी में खुशी की लहर है । भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व करने के लिए नेताओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है । ऐसा माना जा रहा है कि अगर कमलनाथ सरकार का तख्तापलटता है तो मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर कमान संभालेंगे । हालांकि इस बात को लेकर अभी भी मंथन चल रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया किस बात को लेकर नाराज हुए हैं ? उन्होंने बदलते घटनाक्रम के बीच 6 दिन पहले ट्विटर पर करैरा विधानसभा में हुए कार्यक्रम का चित्र और ऋण मुक्ति की जानकारी शेयर की थी। इस दौरान उन्होंने यह भी लिखा था कि ₹470000000 के ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र वितरित किए गए हैं । इसके बाद अचानक घटनाक्रम बदल गया और उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इस पूरे मामले में महाराज की नाराजगी को लेकर राजा पर निशाना साधा जा रहा है । यह कहा जा रहा है कि महाराज को बेवजह परेशान किया जा रहा था और राजा ने कांग्रेस छोड़ने पर मजबूर कर दिया। सबका पार्टी में अपना अपना वजूद होता है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस पूरे मामले पर कहा है कि ग्वालियर चंबल संभाग में पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की पूछे बिना कोई कार्य नहीं किया है। इन सबके बीच अब किसान और आम लोग बेहद असमंजस में हैं। जिन किसानों के पास ऋण मुक्ति के प्रमाण पत्र पहुंचे हैं अगर सरकार नहीं रही तो क्या वे प्रमाण पत्र सही साबित होंगे? इसका चिंतन भी किसानों के बीच हो रहा है। ऐसे में जनता यह सवाल कर रही है कि अब किस पर भरोसा किया जाए? हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन करते हैं या फिर कांग्रेस ने एक बार फिर मनाने में सफल हो जाती है। दूसरी तरफ सिंधिया समर्थक विधायकों को लेकर भी बार-बार नई नई खबरें आ रही है। यह माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव की तस्वीर साफ होने के बाद मध्य प्रदेश की सत्ता की तस्वीर भी साफ हो जाएगी। आगे भी पूरे हालात से समय-समय पर आपको वाकिफ कराते रहेंगे पढ़ते रहिए उज्जैन चर्चा डॉट कॉम।

विक्रमसिंह जाट

9827093651

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