दिल के अरमाँ.. कमलनाथ सरकार की उल्टी गिनती शुरू?

भोपाल। हाथ खाली है तेरे शहर से जाते जाते..

जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते…

शायर की यह पंक्तियां जरूर याद रखेगी कमलनाथ सरकार। 15 महीने पहले लोगों ने बड़े अरमानों के साथ सत्ता परिवर्तन किया था। कमलनाथ सरकार को एक मौका दिया था कांग्रेस को मध्यप्रदेश में स्थापित करने का लेकिन कमलनाथ सरकार को अपने ही सिपाहियों ने धराशाई कर दिया।

 पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद मध्य प्रदेश सरकार का गिरना तय हो गया था लेकिन फ्लोर टेस्ट को लेकर अब भाजपा सरकार गिराने का दावा कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो यह तक कह दिया कि मध्यप्रदेश में शुक्रवार की शाम सरकार गिरने के बाद बीजेपी की नई सरकार बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी । इन सबके बीच मध्य प्रदेश के वे मतदाता भी सोच में पड़ गए हैं जिन्होंने कांग्रेस को वोट दिया । इसके अलावा कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भी हताश है । कांग्रेस के ऐसे कार्यकर्ताओं को अधिक हताशा हो रही है जिन्होंने सरकार में जिम्मेदार पद मिलने की उम्मीद के साथ मैदान में काम किया था। हम आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार को बने 15 महीने हो गए लेकिन आयोग और मंडल खाली पड़े रहे। आपसी गुटबाजी और खींचतान के बीच मध्य प्रदेश में सरकार की ओर से की जाने वाले नियुक्तियों पर कभी गंभीरता से विचार नहीं हो पाया । जब सरकार पर खतरा मंडराया तो कुछ आयोग की नियुक्तियां जरूर कर दी गई लेकिन भाजपा उन पर भी आपत्ति उठा रही है।

भाजपा का कहना है कि अल्पमत में सरकार नियुक्तियों के फैसले नहीं ले सकती है। दूसरी तरफ उज्जैन विकास प्राधिकरण से लेकर भोपाल प्राधिकरण और देवास, इंदौर, जबलपुर सहित कई मंडलों की नियुक्तियां अभी तक नहीं हो पाई । कार्यकर्ताओं और नेताओं के अरमान दिल में ही रह गए। मुख्यमंत्री कमलनाथ फ्लोर टेस्ट को लेकर विश्वास मत हासिल करने का दावा जरूर कर रहे हैं लेकिन बीजेपी का दावा भी काफी महत्वपूर्ण दिखाई दे रहा है । अगर कांग्रेस के बागी विधायक फ्लोर टेस्ट के पहले भोपाल नहीं पहुंचते हैं तो कमलनाथ सरकार का बचना बेहद मुश्किल हो जाएगा। अब सरकार के फैसले को लेकर महज 24 घंटे का समय भी नहीं बचा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा या कांग्रेस किसका दावा सही निकलता है।

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