कमल खिला तो ये बनेंगे मंत्री…

भोपाल/ उज्जैन (विक्रमसिंह जाट)। अपनी ही पार्टी के विधायकों और मंत्रियों की नाराजगी का खामियाजा कमलनाथ सरकार को भुगतना पड़ा है। अब अगर बीजेपी की नई सरकार बनती है तो विशेष रूप से विधायकों मंत्रियों के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं की बातों का विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि भविष्य में बीजेपी की भी कांग्रेसी हालत ना हो। इस बार बीजेपी की सरकार में कई नए चेहरों को भी मंत्री पद मिल सकता है । हालांकि पुराने चेहरों की बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं हो पाएगी।

उज्जैन जिले की बात की जाए तो यहां पर बीजेपी सरकार में लगातार मंत्री पद पर सफलतापूर्वक कार्य कर चुके छठी बार के विधायक पारस जैन का नाम सबसे ऊपर है। श्री जैन को बीजेपी की सरकार में मंत्री बनाना लगभग तय है। दूसरे नंबर पर महिदपुर के विधायक बहादुर सिंह चौहान का इस बार मंत्री बनने का मौका आ सकता है। विधायक बहादुर सिंह चौहान का नाम इसलिए  भी प्रबलता के साथ सामने आ रहा है क्योंकि कमलनाथ सरकार ने नागदा को नए जिले के रूप में मध्य प्रदेश के नक्शे पर दर्शा दिया है। अब अगर नागदा जिले की बात की जाए तो यहां पर 3 विधानसभा सीटों में से दो कांग्रेस के पास है जबकि महिदपुर विधानसभा से तीसरी बार विधायक चुनकर आए बहादुर सिंह चौहान को प्रत्येक जिले के प्रतिनिधित्व के रूप में बीजेपी की सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। इसी प्रकार उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल है। उज्जैन जिले की सबसे महत्वपूर्ण और कठिन परिस्थितियों में मोहन यादव ने दो बार बीजेपी को जीत दिलाई है। मोहन यादव इसलिए भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हो सकते हैं क्योंकि वे बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के काफी नजदीकी हैं। इसी वजह से  विजयवर्गीय भी उन्हें मंत्री पद का मौका दिलवाने में आगे रख सकते हैं । हालांकि उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन का मंत्री बनना तय है। अगर परिस्थितियां करवट लेती है और ऊपर से समीकरण बिगड़ता है तो फिर उज्जैन जिले को खाली भी छोड़ा जा सकता है। गौरतलब है कि कांग्रेस में उज्जैन जिले को खाली छोड़ रखा था। उज्जैन जिले से एक भी विधायक को मंत्री बनने का मौका नहीं मिल पाया। इस प्रकार की परिस्थितियां बीजेपी की सरकार में भी देखने को मिल सकती है। मगर सामाजिक समीकरणों और आपसी तालमेल बैठाने के लिए पहले उर्जा, शिक्षा और खाद्य विभाग की कमान संभाल चुके उत्तर के विधायक पारस जैन को मंत्री बनाया जा सकता है।

इनका नाम भी दौड़ में-

यदि मध्यप्रदेश की बात की जाए तो यहां पर बीजेपी की सरकार बनने पर गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग, रमेश मेंदोला, कमल पटेल, भूपेंद्र सिंह, संजय पाठक का मंत्री बनना भी तय माना जा रहा है नेताओं को महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा अगर सिंधिया समर्थक बागी बीजेपी में शामिल होते हैं तो तुलसी सिलावट, इमरती देवी, प्रभु लाल, गोविंद सिंह राजपूत, बिसाहू लाल साहू, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।

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