.. इसलिए गेहलोत या तोमर को बनाया जाएगा मुख्यमंत्री

भोपाल (विक्रमसिंह जाट)। कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब बीजेपी मंत्रिमंडल का गठन करने जा रही है। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत और नरेंद्र सिंह तोमर का नाम सबसे आगे चल रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद सारे समीकरण उत्तल पुथल हो गए हैं जिसकी वजह से केंद्रीय नेतृत्व को बड़ा फैसला लेना पड़ेगा। अगर केंद्रीय मंत्री को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो बीजेपी की दो परेशानियां कम हो जाएगी.. देखिए पूरी खबर।

“उज्जैन चर्चा” ने सबसे पहले इस बात को सामने रखा था कि इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री को बनाया जा सकता है। इसके पीछे कई प्रकार के मंथन किए जा रहे हैं। बताया जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा सांसद बनने के बाद केंद्रीय मंत्री बनाया जाएगा लेकिन मध्य प्रदेश में वर्तमान में पांच केंद्रीय मंत्री हैं जो मोदी सरकार में मध्य प्रदेश का नेतृत्व कर रहे हैं । इनमें फग्गन सिंह कुलस्ते, थावरचंद गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, धर्मेंद्र प्रधान शामिल है। ऐसी स्थिति में मोदी सरकार मध्य प्रदेश से छटा मंत्री बनाने की के मूड में नहीं है । यही वजह है कि किसी केंद्रीय मंत्री को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है । इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को आसानी से केंद्रीय मंत्री बनाकर मंत्रिमंडल का संतुलन भी बन जाएगा। गौरतलब है कि मोदी सरकार में 50 से ज्यादा मंत्री हैं । ऐसे में अब प्रतिनिधि मध्यप्रदेश को दिया जाना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है। यही वजह है कि सबसे ऊपर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत और नरेंद्र सिंह तोमर का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चल रहा है। अब देखिए दोनों नाम पर जो चल रहा है मंथन।

नरेन्द्र सिंह तोमर—- मध्य प्रदेश के मंत्री के रूप में नरेंद्र सिंह तोमर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। इसके अलावा के मध्य प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं । केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर-चंबल इलाके का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव की वजह से इस बार कांग्रेस ने रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की है। ऐसे में यदि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो चंबल और ग्वालियर क्षेत्र में बीजेपी की सीट बढ़ेगी, इतना ही नहीं उनके स्थान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनाकर मोदी सरकार का बैलेंस भी बन जाएगा। नरेंद्र सिंह तोमर शिवराज सिंह चौहान के विकल्प ही नहीं बल्कि उनकी भी पसंद के रूप में देखे जाते हैं , क्योंकि मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह ने 10 साल तक मुख्यमंत्री पद पर राज किया है। ऐसे में नरेंद्र सिंह तोमर को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ठाकुर कार्ड भी खेल सकती है।

थावरचंद गहलोत— केंद्रीय सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत मोदी सरकार के सबसे विश्वसनीय मंत्री और मोदी सरकार के सबसे बड़े दलित चेहरे के रूप में जाने जाते हैं । श्री गहलोत पूरे मध्य प्रदेश की सियासत से वाकिफ होने के साथ-साथ मोदी सरकार के ऐसे सिपहसालार हैं जो किसी भी विपरीत परिस्थितियों में मुस्कुरा कर समस्या का हल कर देते हैं । वर्तमान में कांग्रेस के बागी भी बीजेपी में शामिल हुए हैं । ऐसे में धैर्यवान और सहनशील नेता के रूप में थावरचंद गहलोत का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चल रहा है । राज्यसभा के नेता पक्ष थावर चंद गहलोत के मुख्यमंत्री बनाए जाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए उनकी कुर्सी खाली हो जाएगी। बीजेपी दलित मुख्यमंत्री बनाकर आने वाले उपचुनाव में बड़ी सफलताएं अर्जित कर सकती है । केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत वर्तमान में बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। इसके अलावा आर एस एस की भी वे पसंद रहे हैं । केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत उस मालवा अंचल का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां बीजेपी हमेशा रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीती आई है। मालवा अंचल से मुख्यमंत्री पद को लेकर हमेशा से मांग उठती आई है जिसकी पूर्ति इस बार की जा सकती है।

शिवराज सिंह चौहान— पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आने वाले 6 महीनों में होने वाले उपचुनाव को जिताने की जिम्मेदारियां दी जा सकती है। इसके अलावा उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालय देकर कैबिनेट मंत्री भी बनाया जा सकता है।  इसके अलावा यदि समीकरण बिगड़ते हैं तो श्री चौहान को भी एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी जा सकती है। श्री चौहान 3 बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री दे चुके हैं और यदि उन्हें इस बार भी मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो यह उनकी चौथी पारी रहेगी।

 

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