उज्जैन। चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ पर पत्थर बरसाने वालों जरा उज्जैन के अल्पसंख्यक वर्ग के इन चिकित्सक को भी देख लो.. इनके परिवार में दो लोगों को थोड़े से भी करोना जैसे लक्षण दिखे तो उन्होंने तुरंत दोनों बुजुर्ग महिलाओं का सैंपल करवाने के बाद उनको उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया… फिर एक बार यही कहा जाएगा कि बीमारी किसी धर्म जाति या वर्ग को देखकर नहीं आती है… केवल बीमारी से लड़ने और जंग जीतने के लिए सबकुछ भूलकर एकजुट होने की जरूरत होती है।
मालवांचल ही नहीं बल्कि पूरा मध्य प्रदेश गंगा जमुना और राम रहीम की तहजीब को अपनाने वाले प्रदेशों में शुमार है। वर्तमान समय में बीमारी से लड़ने के लिए सभी को एकजुट होने की जरूरत है । एक दूसरे के सहयोग के बिना कोरोना जैसी महामारी से जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इन परिस्थितियों में जब शासन प्रशासन और सरकार सबकी मदद कर रही है तो किसी की जाति और धर्म के बारे में नहीं पूछा जा रहा है। जहां एक तरफ मंदिरों में सभी के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, वहीं मस्जिदों में भी एक साथ इबादत करने पर रोक है । यही नियम गुरुद्वारे और चर्च के लिए भी लागू है। जब सरकार और प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग किसी धर्म और जाति और वर्ग में भेद नहीं कर रहा है तो फिर आम लोगों को यह भेद करने का कोई अधिकार नहीं है । स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और अधिकारी के साथ-साथ चिकित्सक अपनी जान जोखिम में डालकर ऐसे लोगों की जान बचाने में जुटे हुए हैं जिन्हें वे जानते तक नहीं है। अब मूल खबर पर आते हैं । उज्जैन के एक बड़े अस्पताल में पदस्थ रामप्रसाद भार्गव मार्ग के चिकित्सक के परिवार में दो बुजुर्ग महिलाएं पिछले कुछ दिनों से बीमार है। बुजुर्ग महिलाएं इंदौर में गमी एक कार्यक्रम में शामिल हुई थी। दोनों महिलाओं का उज्जैन की महिला चिकित्सक ने उपचार भी किया लेकिन जब लक्षण कोरोना जैसे दिखाई दिया तो एक बुजुर्ग महिला के चिकित्सक पुत्र ने मां के साथ चिकित्सालय पहुंचकर अपनी बीमार माता और बुआ का सैंपल दिया। पूरा परिवार रामप्रसाद भार्गव मार्ग पर रहता है। हम चिकित्सक का नाम पता होने के बावजूद उसका खुलासा नहीं कर रहे हैं। जब चिकित्सक से हमारी चर्चा हुई तो अल्पसंख्यक वर्ग के इन चिकित्सक ने बड़ी ही समझदारी का परिचय देते हुए कहा कि उनकी माता और बुआ का उपचार चल रहा है। कोरोना का टेस्ट करवा लिया गया है। चिकित्सक ने खुद को भी क्योरोटाइन कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके एक रिश्तेदार की गमी में शामिल होने के लिए परिवार के सदस्य इंदौर गए थे। माधव नगर अस्पताल की ओर से भी इस बात की पुष्टि की गई है कि 60 और 65 वर्षीय दो महिलाओं का सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया है दोनों महिलाओं ने अपना पता रामप्रसाद भार्गव मार्ग बताया है। गौरतलब है कि रामप्रसाद भार्गव मार्ग जांसापुरा के समीप स्थित है । जान्सापुरा में अभी तक आधा दर्जन मामले सामने आ चुके हैं ।
चिकित्सक पूरी तरह स्वस्थ..
चिकित्सक से जब हमारी चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि बुजुर्ग माता और बुआ बीमार है । वे पूरी तरह स्वस्थ है । अगर चिकित्सक बीमार होते तो खबर चिंताजनक हो सकती थी। हालांकि चिकित्सक द्वारा सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। चिकित्सक ऐसे लोगों पर के लिए मिसाल है जो सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाने में अपनी शान समझ रहे हैं।