उज्जैन। उज्जैन में कोरोना के चलते तीन लोगों की मौत हो गई है। यह सबसे दुखद बात है कि तीनों की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट उनकी मौत के बाद सामने आई है। हालांकि उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्रा और पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अब 3 दिन के लिए उज्जैन को पूरी तरह लागू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि सबसे पहला मामला जांसापुरा का सामना आया था। इसके बाद अंबर कॉलोनी का प्रकरण प्रकाश में आया। अब दानीगेट की रहने वाली लक्ष्मी बाई की मौत का मामला उजागर हो गया है। तीनों मौत कोरोना के कारण हुई है। सबसे दुखद बात यह रही कि तीनों की मौत के बाद उनकी करोना की रिपोर्ट आई है। इसका साफ मतलब है कि कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। सबसे बड़ी बात यह रही है कि राबिया बी की कोई भी टूर हिस्ट्री सामने नहीं आई थी । इसी प्रकार प्रथम दृष्टया लक्ष्मी बाई की टूरिस्ट हिस्ट्री के बारे में भी जानकारी नहीं मिल पाई है। अब प्रशासन ने दानी गेट इलाके को सील कर दिया है । दूसरी तरफ जिलाधीश शशांक मिश्र ने उज्जैन को आगामी 3 दिन के लिए पूरी तरह लाॅक डाउन कर दिया है। इस दौरान दूध और किराने की दुकानें भी बंद रहेगी। इसके अलावा पेट्रोल पंप का समय भी सुबह शाम के लिए तय किया गया है । आवश्यक परिस्थितियों में केवल पैदल और अकेले ही हो बाहर निकलना होगा। अगर अल्टीमेटम के बावजूद कोई नियमों को तोड़ेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शुरू से ही लोग भी लॉक डाउन का कड़ाई से पालन करने की बात कह रहे हैं । जिला प्रशासन के निर्णय का भी बुद्धिजीवी वर्ग स्वागत कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि 21 दिन के लाॅक डाउन का पूरी तरह पालन होना चाहिए। अगर 21 दिन के लाक डाउन में कोई भी ढिलाई बरती गई तो इसका खामियाजा आगे भी भुगतना पड़ सकता है। लोगों का यह भी कहना है कि 3 दिन के बाद भी लाॅक डाउन का कड़ाई से पालन कराया जाना चाहिए ताकि उज्जैन की स्थिति सुधर सके। उज्जैन में अभी तक कोरोना पॉजिटिव के आधा दर्जन मामले ही सामने आए हैं लेकिन बड़ी बात यह है कि इन मामलों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है।