उज्जैन में खतरे का सेंसेक्स 16 और समाज के दुश्मन 117..!

उज्जैन। देशभर के में कोरोना के हाहाकार के बीच उज्जैन में भी लगातार पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं । उज्जैन शहर ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों में भी पॉजिटिव मरीज आने की वजह से प्रशासन द्वारा एहतियात बरती जा रही है लेकिन नियम तोड़ने वाले हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं । उज्जैन में खतरे का सेंसेक्स 16 और समाज के दुश्मन 117 है देखिए खास रिपोर्ट।

धार्मिक नगरी उज्जैन में कोरोना को लेकर अभी खतरा पूरी तरह अटल नहीं गया है। उज्जैन में लगातार पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं । सबसे बड़ी बात यह है कि यहां मरने वालों की संख्या और पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा काफी चौंकाने वाला है । यह माना जाए कि हर तीसरे मरीज पर एक की मौत हो गई है तो यह गलत नहीं होगा। उज्जैन में लगभग 16 मामले सामने आ चुके हैं । इनमें से 15 मामले शहरी क्षेत्र के हैं जबकि 2 मामले नागदा के प्रकाश में आए हैं । गौरतलब है कि 5 लोगों की कोरोना पॉजिटिव होने के चलते मौत हो चुकी है। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा जी तोड़ मेहनत की जा रही है। पुलिस विभाग भी अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान की रक्षा करने में जुटा हुआ है। ऐसी स्थिति में भी नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों की कमी नहीं है। जहां एक तरफ पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 16 तक पहुंच गया है वहीं नियम तोड़ने वाले शुक्रवार को 117 लोग प्रशासन के सामने आ गए । अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह के निर्देश पर 108 प्रकरण दर्ज किए गए हैं ।

पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर ने बताया कि इन परिस्थितियों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी कर नियम तोड़ने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उज्जैन में लगातार मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि माधव कॉलेज को खुली जेल बना दिया गया है। यहां पर धारा 188 के तहत कार्रवाई भी हो रही है । सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नियम तोड़ने वालों में केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी शामिल है । शुक्रवार को कुछ महिलाओं के खिलाफ भी पुलिस ने कोरोना कर्फ्यू का पालन नहीं करने का मामला दर्ज किया। जब लोगों से पूछताछ की गई तो वे तरह-तरह के बहाने बनाने लगे । पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई होती रहेगी । कलेक्टर शशांक मिश्र के मुताबिक लोगों को लाॅक डाउन के नियम का पालन करना चाहिए और घरों में ही रहना चाहिए। जिला प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक वस्तु को लेकर सूची भी जारी कर दी गई है। इसके अलावा होम डिलीवरी के भी तमाम इंतजाम है। ऐसी परिस्थिति में घर से बाहर निकलने की कोई जरूरी वजह नहीं रह जाती है। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग में स्पष्ट रूप से संदेश दिया कि लाॅक डाउन का पालन नहीं करने वालों पर आगे भी शिकंजा कसा जाएगा।

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