.. इसलिए उज्जैन और इंदौर में जरूरी है मंत्री

भोपाल। शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार अगले एक हफ्ते में होने जा रहा है। ऐसे में अब उज्जैन और इंदौर को लेकर मंत्री बनाए जाने की मांग भी जोरों पर उठाई है। यह कहा जा रहा है कि कम से कम संभागीय मुख्यालयों पर एक मंत्री बनाया जाना बेहद जरूरी है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इंदौर, उज्जैन की मॉनिटरिंग होना जनहित में है। 

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में संभागीय मुख्यालय उज्जैन से एक भी मंत्री नहीं बनाया गया था, जबकि इंदौर से दो मंत्रियों को मंत्रिमंडल में स्थान मिला था, इतना ही नहीं देवास जैसे छोटे जिले से भी मंत्री बनाए गए थे। अब एक बार फिर मंत्रिमंडल के विस्तार की कवायद तेज हो गई है। शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार अगले एक हफ्ते में हो सकता है । सबसे बड़ी बात यह है कि फिलहाल मंत्रिमंडल में लगभग 10 नेताओं को ही जगह मिलने की बात कही जा रही है। इनमें सिंधिया गुट से गोविंद राजपूत, तुलसी सिलावट और कांग्रेस के बागी बिसाहू लाल साहू का नाम चल रहा है। जबकि भाजपा खेमे से गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह, गौरी शंकर बिसैन, भूपेन्द्र सिंह के नाम आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फिलहाल इस सूची में उज्जैन जिले का नाम नहीं है। ऐसी स्थिति में सरकार बदलने के बाद भी उज्जैन को निराशा हाथ लगती हुई दिखाई दे रही है। वर्तमान समय में कोविड- 19 का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। भोपाल और इंदौर के बाद अब उज्जैन बड़े हॉटस्पॉट के रूप में सामने आया है ।यही वजह है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को उज्जैन की जवाबदारी सौंपी गई है । ऐसी स्थिति में उज्जैन को भी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिया जाना बेहद जरूरी है ताकि उज्जैन की परेशानियां सीधे मुख्यमंत्री तक स्थानीय मंत्री के माध्यम से पहुंचाई जा सके। भोपाल में तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं ही मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके अलावा इंदौर से सिंधिया खेमे के तुलसी सिलावट को मंत्री बनाया जा रहा है फिलहाल उज्जैन की इस मंत्रिमंडल में अनदेखी की खबरें आ रही है जो कि चौंकाने वाली है। 

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