केवल दरवाजे बंद है, भगवान महाकाल की कृपा नहीं..!

उज्जैन। पहली बार किसी महामारी के चलते कालों के काल भगवान महाकाल के द्वार  आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं.. हालांकि भगवान महाकाल की कृपा अभी भी भक्तों पर बनी हुई है.. भोलेनाथ ने भक्तों का साथ नहीं छोड़ा है.. सभी 12 ज्योतिर्लिंग पर भोलेनाथ का परचम लहरा रहा है..  वह दिन दूर नहीं जब एक बार फिर सभी व्यवस्थाएं सामान्य हो जाएगी..।

धार्मिक नगरी उज्जैन में एक-दो नहीं बल्कि ऐसे सैकड़ों और हजारों भक्त हैं जो 24 घंटे में एक बार राजाधिराज महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर जरूर जाते हैं । कई श्रद्धालु भगवान महाकाल के बाहर से शिखर दर्शन कर लौट जाते हैं, तो कई लोग स्क्रीन से राजाधिराज को प्रणाम कर गुजर जाते हैं। ऐसे भक्तों की संख्या भी कम नहीं है जो प्रतिदिन राजाधिराज महाकाल के दरबार में अंदर जाकर शिश नवाते हैं । राजा से आशीर्वाद लेने के बाद ही वे अपने दिनचर्या को पूर्ण मानते हैं । हालांकि कोरोना के चलते राजाधिराज महाकाल के दरबार में ही नहीं बल्कि सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में आम श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश बंद कर दिया गया है । हालांकि सभी ज्योतिर्लिंग में विधि विधान से पूजा अर्चना और आरती बदस्तूर जारी है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि भक्तों की सेवा के लिए भगवान के दरवाजे अभी भी चालू है । उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हजारों लोगों की भूख मिटाने के लिए प्रतिदिन भोजन बनाया जा रहा है । मंदिर आने वाले भक्तों से पूर्व में प्राप्त दान राशि राशि के जरिए वर्तमान में मानव सेवा हो रही है। दूसरी तरफ त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से सरकार को कोरोना से लड़ने के लिए 55 करोड रुपए की मदद की गई है। इसी प्रकार अन्य ज्योतिर्लिंग पर भी अलग अलग माध्यम से सेवा कार्य जारी है। जब भगवान के द्वार से भक्तों की सेवा चल रही है तो कल्पना कर लीजिये कि निश्चित ही आने वाला समय बहुत अच्छा होगा।

Leave a Reply

error: