शब्द नहीं है इन मुख्यमंत्री की ईमानदारी का बखान करने के लिए..

लखनऊ। राजनीति में अगर एक छोटा सा पद भी मिल जाए तो फिर वारे न्यारे होते समय नहीं लगता है.. एक छोटी सी गुंजाइश बनते ही लाइफस्टाइल बदल जाती है लेकिन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के परिवार की स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि राजनीति में ईमानदारी आज भी जिंदा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोड़ों लोगों की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में ऐसे ही योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद की कमान नहीं सौंपी देखिए पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कौन नहीं जानता है लेकिन यह बात कम ही लोग जानते हैं कि उनका असल नाम अजय सिंह बिष्ट है । आज यह बात इसलिए हो रही है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी के पिता का निधन होने के बाद उनकी पारिवारिक  जानकारियां निकल कर बाहर आ रही है। इसी बीच एक चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई है। योगी आदित्यनाथ की बड़ी बहन शशि योगी उत्तराखंड के छोटे से गांव कोठार में फूलों की दुकान संचालित करती है। इसके अलावा छोटा सा रेस्टोरेंट भी हुए चलाती है। रेस्टोरेंट चलाकर अपने पति के साथ परिवार का भरण पोषण कर रही है । राजनीति में ईमानदारी की इससे बड़ी मिसाल और कहीं भी देखने को नहीं मिलेगी। आमतौर पर नेताओं को पद मिलते ही उनकी चाल ढाल बदल जाती है। इतना ही नहीं उनके रिश्तेदार भी अपनी लाइफ स्टाइल बदलते हुए नजर आते हैं । मगर योगी आदित्यनाथ ने राजनीति में प्रवेश करने के साथ ही ऐसा सन्यास लिया कि उनके परिवार वालों को भी बड़े पद का लाभ नहीं मिल पाया। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की ईमानदारी के किस्से तो काफी मशहूर है लेकिन उनके परिवार की ईमानदारी की मिसाल दी जाना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि उनकी बड़ी बहन कभी इस बात का जिक्र भी नहीं करती है कि योगी आदित्यनाथ उनके भाई हैं। योगी आदित्यनाथ के से 6 साल बड़ी शशि योगी 3 साल पहले अपने भाई से चुनाव प्रचार के दौरान मिली थी लेकिन तब भी मुलाकात अधूरी सी रही। योगी आदित्यनाथ केवल उत्तर प्रदेश के विकास हो भले की बात ही हमेशा करते आए हैं । उनकी ईमानदारी और साफगोई की मिसाल राजनीति में मिलना बेहद कठिन है। आमतौर पर यह देखने में आता है कि बड़ा पद मिलते ही शहर और प्रदेश के विकास से पहले कई नेता अपने परिवार के सदस्यों के विकास में जुड़ जाते हैं। राजनेताओं के भ्रष्टाचार की मिसाल तो कई बार देखने को मिली है लेकिन ईमानदारी की इतनी बड़ी मिसाल देख और सुनकर वर्तमान समय में आश्चर्य होना लाजमी है।

 

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