कोरोना से मौत के मामले में उज्जैन नंबर वन

मध्यप्रदेश। कोरोना पॉजिटिव मामलों में भले ही उज्जैन मध्य प्रदेश में तीसरे नंबर पर हो लेकिन करोना से हुई मौत के मामले में उज्जैन मध्य प्रदेश में नंबर वन पर है । देखिए आंकड़ों की नजर से पूरी रिपोर्ट। 

धार्मिक नगरी उज्जैन में कोरोना का जो कहर टूटा है वह आंकड़ों की नजर से देख कर आप चौक जाएंगे। मौत के मामले में उज्जैन में मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर को भी पीछे छोड़ दिया है। आपको यह देखकर राहत मिल रही होगी कि उज्जैन में इंदौर और भोपाल की तुलना में पॉजिटिव मरीज कम है लेकिन मौत का आंकड़ा जब देखेंगे तो आपके होश फाख्ता हो जाएंगे।

इंदौर-  इंदौर की बात की जाए तो यहां लगभग 1200 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें केवल 57 लोगों की मौत हुई है। इस प्रकार यदि मरने वाले पॉजिटिव मरीजों का प्रतिशत देखा जाए तो यह 4.84% बहुत कम है। इसके अलावा यहां पर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी 100 से ज्यादा है। 

भोपाल- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की बात की जाए तो यहां पर 415 मामले पॉजिटिव के रूप में सामने आ चुके हैं। यहां मरने वालों की संख्या महज नौ है। इस प्रकार यहाँ मरने वाले पाजिटिव मरीजों का प्रतिशत 2.61 है। 

उज्जैन- अब धार्मिक नगरी उज्जैन की बात की जाए तो यहां मध्य प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मामले में तीसरे नंबर पर हैं। यहां पर आज रविवार तक 106 मरीज सामने आए हैं लेकिन मरने वालों का आंकड़ा 17 तक पहुंच गया है । इस प्रकार उज्जैन में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मरने का प्रतिशत 16.03%  है। ऐसी स्थिति में यह नंबर वन पर है। गौरतलब है कि उज्जैन में कई लोगों की रिपोर्ट तो उनके मरने के बाद उज्जैन पहुंची है। इसके अलावा अभी हाल ही के दिनों में जो लोग का निधन हुआ है उनकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है।

राहत-  उज्जैन की स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 52 चिकित्सकों की टीम भेजी है। इसके अलावा उज्जैन का मेडिकल स्टाफ भी पहले से बेहतर कार्य करने का दावा कर रहा है । इसके अलावा आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में भी व्यवस्था सुधारने के दावे किए जा रहे हैं। इससे राहत वाली खबर जरूर महसूस हो रही है मगर यह वक्त बताएगा कि उज्जैन नंबर वन पर बना रहेगा या फिर मौत के मामले में दूसरे जिलों की तुलना में स्थिति सुधर पाएगी। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है और स्वास्थ्य विभाग के अमले का कार्य भी ठीक है, मगर आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं से लोग आज भी संतुष्ट नहीं है। 

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