.. इसलिए बढ़ा उज्जैन में मौत का आंकड़ा ?

उज्जैन। यह सुनकर आपको आश्चर्य जरूर होगा कि उज्जैन में जो कोरोना पॉजिटिव मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है, वह उज्जैन स्वास्थ्य विभाग की मुस्तैदी की वजह से बढ़ा है लेकिन यह काफी हद तक सत्य है। देखिए पूरी रिपोर्ट।

उज्जैन का स्वास्थ्य विभाग आंकड़ों के पीछे नहीं भाग रहा हैं। उनका मुख्य उद्देश्य कोरोना को भगाना है, इसलिए  स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि वर्तमान परिस्थिति में जो भी मौत का मामला सामने आता है और लगता है कि कोरोना संदिग्ध है तो उसका मरने के बाद भी टेस्ट किया जाए। यही वजह है कि उज्जैन में कोरोना पॉजिटिव मामलों में मरने वालों की संख्या 17 पहुंच गई है। अधिकारियों का मानना है कि किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार को सुरक्षित रखना भी जिला प्रशासन का काम है । यही वजह है कि उज्जैन में आंकड़ा भले ही कम ज्यादा हो लेकिन टेस्टिंग में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। उज्जैन जिला उन जिलों में अव्वल है, जहां पर टेस्टिंग 2,000 से कम हुई है । उज्जैन में 2500 से ज्यादा टेस्टिंग हो चुकी है। इसके अलावा मरने वालों की भी कोरोना टेस्टिंग की जा रही है। अधिकारियों के प्रयासों से उज्जैन में कोरोना का असली रूप सामने आ गया है। अब स्वास्थ्य विभाग को काम करने में काफी आसानी होगी। उज्जैन में अब जो भी मामले सामने आ रहे हैं किसी नए क्षेत्र से जुड़े हुए नजर नहीं आ रहे हैं । अधिकांश मामले कंटेनमेंट एरिया और पॉजिटिव मरीजों के परिवार से जुड़े हुए हैं। इसका लाभ उज्जैन को जरूर आने वाले समय में मिलेगा। उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्र ने चर्चा के दौरान कहा कि आरडी गाड़ी मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं में भी काफी सुधार हो गया है । मध्य प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप उज्जैन के लोगों को कोरोना के खतरे से उबारने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जा रहे हैं, जिसकी मॉनिटरिंग जिला प्रशासन खुद करेगा। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में वेतन संबंधी भी कुछ समस्या थी जिन्हें दूर करवा दिया रहा है कर्मचारियों के वेतन भी बढ़ाए गए हैं। उज्जैन में जिला प्रशासन और पुलिस महकमे ने कोरोना के खिलाफ जंग में अपना अमूल्य योगदान दिया है लेकिन उज्जैन का आरडी गाड़ी मेडिकल कॉलेज इस लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार नहीं था । इसी वजह से शिकवा और शिकायत का दौर शुरू हो गया था। यह बात भी सर्वविदित है कि भोपाल और इंदौर के बाद उज्जैन में ही मरीज ठीक हुए हैं । मध्यप्रदेश में उज्जैन से आने वाले दो-तीन दिनों में अच्छी खबरें आएगी। जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पारदर्शी और मानसिकता स्वच्छ है । इसी वजह से यहां पर्दे के पीछे कुछ भी नहीं चल रहा है जो गतिविधि हो रही है वह सब कुछ पर्दे के सामने है । यह खबर उज्जैन के लिए राहत भरी है उज्जैन में संभावना है कि आने वाले 2 सप्ताह में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आ जाएगी।

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