उज्जैन। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्था और लापरवाही की शिकायत हेतु लगातार सामने आ रही है लेकिन मेडिकल कॉलेज के स्टाफ की गंभीर शिकायतों का मामला सामने आया है । मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने कॉलेज प्रशासन पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं। लापरवाही के आरोप सुनकर आप दंग रह जाएंगे।
उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में कोरोना पॉजिटिव लोगों का उपचार चल रहा है। यहां पर लापरवाही के कई वीडियो और फोटो सामने आ चुके हैं। अब यहां के स्टाफ ने भी कॉलेज प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । कॉलेज के स्टाफ का कहना है कि उनसे अधिक समय काम करवाए जा रहा है। इसके अलावा वेतन के नाम पर बहुत छोटी सी राशि दी जा रही है, इतना ही नहीं अस्पताल में सफाई कर्मचारी से लेकर वार्ड बॉय की कमी है। यह काम भी स्टाफ नर्स को करना पड़ रहा है। महिला कर्मचारियों के मुताबिक दो महिला कर्मचारियों को एक कमरे में क्वारेंटाईन कराया जा रहा है। इसके अलावा क्वॉरेंटाइन का समय 14 दिन का रहता है लेकिन मेडिकल स्टाफ को 7 दिन में ही काम पर आने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सैनिटाइजर और अच्छे भोजन की भी कोई व्यवस्था नहीं है। कॉलेज के स्टाफ कर्मियों का कहना है कि वर्तमान समय में गर्मी होने की वजह से 6 घंटे काम कराने की बात कही गई थी लेकिन 12 घंटे तक काम लिया जा रहा है। गर्मी के समय में 12 घंटे पीपीई किट पहनकर बिना पानी और अन्य साधनों के रहना बड़ा मुश्किल हो रहा है। कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इसके अलावा उज्जैन कलेक्टर के नाम पर पत्र भी लिखा है। कॉलेज स्टाफ की परेशानी देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उज्जैन कोरोना के खिलाफ जंग कैसे जीतेगा ? अभी तक यह बात सामने आ रही थी कि मेडिकल कॉलेज में स्टाफ लापरवाही बरत रहा है मगर अब स्टॉप खुद प्रताड़ित होने के आरोप लगा रहा है । ऐसे में जिला प्रशासन के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है । गौरतलब है कि उज्जैन में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्र पूरे मामले को लेकर स्वयं मानिटरिंग कर रहे है।
हाल ही में मेडिकल कॉलेज को उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्र ने कारण बताओ नोटिस तक जारी कर दिया है ।उज्जैन कलेक्टर द्वारा मेडिकल स्टाफ की परेशानियों को दूर भी करवाया जा रहा है । हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई बड़ी सकारात्मक पहल सामने नहीं आ रही है। मेडिकल कॉलेज उज्जैन के लिए बहुत बड़ी सौगात माना जाता रहा है , मगर आज जब कॉलेज की उज्जैन को जरूरत है तो ऐसे समय में मेडिकल कॉलेज प्रशासन का नकारात्मक रवैया लोगों को दुखी कर रहा है।
कर्मचारियों के आरोप–
– मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा कर्मचारियों से 12 घंटे तक काम लिया जा रहा है।
– क्वॉरेंटाइन के दौरान 2 कर्मचारियों को एक कमरा दिया जा रहा है उसकी हालत भी ठीक नहीं है।
– मेडिकल कॉलेज के स्टाफ को गुणवत्ताहीन भोजन दिया जा रहा है।
– क्वॉरेंटाइन कर्मचारियों को 14 दिन की जगह 7 दिनों में ड्यूटी ज्वाइन करवाई जा रही है।
– मेडिकल कॉलेज में सफाई कर्मी और वार्ड भाई की कमी है।
– मेडिकल कॉलेज के स्टाफ के टॉयलेट और अन्य स्थानों पर सफाई के कोई इंतजाम नहीं है।