उज्जैन। कोरोना के खिलाफ जंग में उज्जैन को एक बड़ी सफलता मिलने जा रही है। अब उज्जैन में महज 6 घंटे में पता चल जाएगा कि मरीज को कोरोना पॉजिटिव है या नेगेटिव? इस बड़ी सफलता से एक तरफ जहां संक्रमण का खतरा झुकेगा, वही उपचार में भी काफी आसानी हो जाएगी। देखिये खास रिपोर्ट।
धार्मिक नगरी उज्जैन में अभी तक 123 कोरोना पॉजिटिव सामने आ चुके हैं । यह आंकड़ा दूसरे शहरों की तुलना में अधिक बड़ा नहीं है, लेकिन बड़ा है मौत का प्रतिशत। उज्जैन में अभी तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। इस प्रकार उज्जैन में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा लगभग 18.6% है ।यह आंकड़ा इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि उज्जैन में मरने के बाद भी कोरोना के सैंपल लिए गए हैं ताकि पीड़ित परिवार और उनसे जुड़े लोगों में संक्रमण को रोका जा सके। इसके अलावा कई लोगों की उपचार के दौरान घरों पर ही मौत हो गई लेकिन उन्होंने को कोरोना की जांच नहीं कराई, इसी वजह से अभी तक 23 लोगों की मौत हो चुकी हैं लेकिन भविष्य में आंकड़ा धीरे-धीरे आंकड़ा कम हो जाएगा। अब मौत के प्रतिशत के बाद एक अच्छी खबर पर आते हैं। उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में मंगलवार से कोरोना की क्रॉस जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है । इंदौर से 200 सैंपल आ चुके हैं जिनकी मेडिकल कॉलेज में जांच जारी है। संभवत: बुधवार को सभी जांच की रिपोर्ट बन जाएगी, यह रिपोर्ट इंदौर जाएगी वहां पर क्राश मैच किया जाएगा। इंदौर से जो सैंपल आए हैं उनकी रिपोर्ट पहले ही तैयार हो चुकी है। जब उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट इंदौर पहुंचेगी तो दोनों रिपोर्ट को आपस में मिलाया जाएगा। रिपोर्ट एक जैसी निकलने के बाद गुरुवार से मेडिकल कॉलेज में लगभग 200 लोगों की रोज जांच हो सकेगी। इस बात की पुष्टि अपर कलेक्टर सुजान सिंह रावत ने की है। श्री रावत ने भी बताया एक अनुमान के मुताबिक लगभग 6 घंटे में कोरोना के टेस्टिंग की रिपोर्ट आ जाएगी। उज्जैन संभाग आयुक्त आनंद शर्मा और कलेक्टर के प्रयासों से आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज मध्य प्रदेश में तीसरे जिले का कॉलेज है जहां टेस्टिंग शुरू हो गई है। उज्जैन के अलावा इंदौर और भोपाल में ही टेस्टिंग की जा रही है। गौरतलब है कि उज्जैन के विधायक पारस जैन ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज टेस्टिंग शुरू करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की मांग को शीघ्र मंजूरी दिलाने के प्रयास किए । इसके परिणाम सबके सामने है ।
4 के 9 हजार हुआ वेतन..
करो ना कॉल में आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी काम पर आने को तैयार नहीं थे। कर्मचारियों ने वेतन बढ़ाने की मांग की थी। जब अपर कलेक्टर सुजान सिंह रावत ने कर्मचारियों से उनका वेतन पूछा तो कुछ कर्मचारियों ने ₹4000 प्रतिमाह मिलने की बात कही। यह राशि कलेक्ट्रेट से भी कम है । इसके बाद श्री रावत ने कर्मचारियों को ₹9000 महीना वेतन मिलने का आश्वासन दिया जिसके बाद में काम पर लौटे।