अच्छा, इसलिए बनाया आशीष सिंह को उज्जैन कलेक्टर !

उज्जैन। कोरोना काल में एक भी गलत कदम लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है । ऐसी स्थिति में अधिकारियों की अदला-बदली को लेकर भी काफी सावधानी बरती जा रही है। उज्जैन में प्रशासनिक फेरबदल के पीछे जनप्रतिनिधियों के असंतोष के साथ-साथ आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की अवस्थाएं प्रमुख रूप से कारण दिखाई दे रही है। अब आइएएस और इंदौर नगर निगम कमिश्नर आशीष सिंह को क्यों बनाया उज्जैन कलेक्टर ? यह रिपोर्ट देखिए।

आईएएस आशीष सिंह का उज्जैन से नाता कोई नया नहीं है । उन्होंने सिंहस्थ महापर्व के दौरान उज्जैन में 4 महीने तक सेवाएं दी। इसके बाद जब उज्जैन से नगर निगम कमिश्नर के रूप में उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई तब भी उन्होंने सफलतापूर्वक कार्य किए। इसके बाद जब इंदौर नगर निगम कमिश्नर और देवास कलेक्टर के रूप में सेवाएं देने का मौका मिला तब भी सरकार की मंशा के अनुरूप आईएएस आशीष सिंह खरे उतरे । बात 15 जनवरी 2020 की है तब तत्कालीन इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव ने एक जानकारी देकर सार्वजनिक कार्यक्रम में सभी को उत्साह से भर दिया था। श्री जाटव ने बताया कि इंदौर के नगर निगम कमिश्नर आशीष सिंह को “इंडिया ब्राइट” नामक संस्था ने देश के टॉप आईएएस में चुना है। आशीष सिंह देश के छठे नंबर के टॉप आईएएस का अवार्ड मिल चुका है। इस संस्था ने मध्य प्रदेश के 2 आईएएस को चुना था इनमें आशीष सिंह देश में छठे नंबर पर और मध्यप्रदेश में पहले नंबर पर चुने जा चुके है। आज आशीष सिंह उज्जैन कलेक्टर के रूप में चार्ज ले लेंगे । इसके बाद संभवतः स्वास्थ्य विभाग और अन्य अधिकारियों की बैठक सकते हैं । इस बैठक में कोरोना से निपटने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।

तीसरी बार सेवा…

धार्मिक नगरी उज्जैन में जो एक बार अच्छी सेवा देता है उसे भगवान महाकाल दूसरी और तीसरी बार भी सेवा के लिए बुलाते हैं। यह बात उज्जैन आईजी राकेश कुमार गुप्ता सहित कई अधिकारियों पर सटीक साबित हो रही है। इसी प्रकार की का रिश्ता आईएएस आशीष सिंह के साथ भी दिखाई दे रहा है । सिंहस्थ महापर्व के दौरान आशीष सिंह उज्जैन में सेवाएं देकर साधु संतों की खूब सेवा की । इसके बाद उन्हें उज्जैन नगर निगम कमिश्नर के रूप में कार्य करने का मौका मिला । अब उज्जैन कलेक्टर के रूप में आशीष सिंह सेवाएं देने आ रहे है।

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