कोरोना से जंग में शराब का सहारा…

भोपाल/इंदौर/उज्जैन । हुई महंगी बहुत ही शराब के थोड़ी-थोड़ी पिया करो.. वर्तमान समय में यह गाना काफी सटीक साबित हो रहा है । कोरोना के खिलाफ जंग में शराब एक ऐसा सहारा बन गई है जिसके बिना राज्य खुद को अधूरा साबित कर रहे हैं । जहां पर शराब की दुकाने नहीं खुल रही है, वहां पर सरकार चिंतित है । भारत का वर्तमान देखकर ऐसे लोग भी चिंतित है जो शराब का हमेशा से विरोध करते आए हैं। 

 भारत के लोग हमेशा से ही अधिकांश मुद्दों पर एक ही राय व्यक्त करते आए हैं लेकिन जब नशे की बात होती है तो समाज अलग-अलग धड़ों में बंट जाता है और जब नशे की बात होती है तो सबसे ऊपर नाम आता है शराब का। वर्तमान समय में कोरोना के खिलाफ जंग में शराब सरकार का जो सहारा बनी है यह बेहद चौंकाने वाली खबर है। देश को आजाद हुए कई दशक बीत गए यहां पर राजनीतिक दलों में खूब राज किया और विकास के बड़े-बड़े दावे किए। भारत को पहले सोने की चिड़िया बताया जाता था लेकिन अब अर्थव्यवस्था चलाने के लिए शराब का सहारा लेना पड़ रहा है। यह भविष्य के लिए भी चिंता का विषय है। अगर आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो मध्य प्रदेश में 1 माह में 834 करोड़ों का राजस्व केवल शराब से आता है । सरकार को शराब की दुकान खोले बिना कोई भी बड़ा आर्थिक निर्णय लेना बेहद कठिन है। जब शराब की दुकानें कई प्रदेशों में खुल गई तो वहां पर भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। उत्तर प्रदेश में एक ही दिन में 300 करोड़ की शराब बिक गई जबकि राजस्थान में 60 करोड़ से ज्यादा की शराब बिकने की खबर आ गई।

मध्य प्रदेश के उज्जैन, भोपाल और इंदौर के लोग शराब की दुकानें खुलने की के इंतजार में बैठे हैं । यहां पर भी सरकार को निराश नहीं किया जाएगा। करोड़ों की शराब खरीदने वाले बेताब है लेकिन अभी ठेकेदारों को लाइसेंस फीस की चिंता है। इसी वजह से एमपी में कई जिलों में शराब की दुकान नहीं खोली जा रही है। सरकार बार-बार सुबह 7 से शाम 7 बजे तक शराब बेचे जाने के आदेश निकाल रही है। कोरोना के खिलाफ जो जंग चल रही है उसमें सरकार को आर्थिक मदद की दरकार है। ऐसी स्थिति में सरकार की निगाहें केवल शराब की दुकानों पर आकर टिक गई है।

आप समझ सकते हैं कि देश में कई ऐसे राजस्व है जो सरकार के पास पहुंचता है । देश में टैक्स की कमी नहीं है। सभी प्रकार के टैक्स लिए जा रहे हैं मगर फिर भी शराब से मिलने वाला राज्य सरकार के रीढ़ की हड्डी दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया पर शराब को लेकर नए नए चुटकुले भेजे जा रहे हैं वह अलग बात है, मगर शराब से मिलने वाले राजस्व के आंकड़े वास्तव में हैरत में डालने वाले हैं । कोरोना काल से पहले कभी भी इस और ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं गया, मगर इस बीमारी ने पूरे देश की आंखें खोल दी है ।

शराब से होने वाले नुकसान पर अगर नजर दौड़ाई जाए तो छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग लोग निबंध लिख सकते हैं। शराब से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसके अलावा लीवर पर भी बुरा असर पड़ता है । शराब अधिक मात्रा में सेवन करने से जान तक जा सकती है मगर भारत में शराब के लिए डेढ़ से 2 किलोमीटर लंबी लाइन लग जाना किसी आश्चर्य से कम नहीं है।

 

गम का दौर हो या हो खुशी, शमां बंधती है शराब..

शराब का सहारा केवल सरकारों को नहीं है बल्कि फिल्म इंडस्ट्रीज को भी शराब का बहुत सहारा रहा है। फिल्म में शराब के सीन और शराब पर आधारित फिल्म काफी बन चुकी है। शराब को लेकर गानों की भी कमी नहीं है । शराब एक ऐसा टॉपिक है जिस पर जितना लिखा जाए कम है। ऐसी स्थिति में वे लोग बेहद चिंतित है जो शराब का हमेशा विरोध करते हैं। शराब ने कई घरों को बर्बाद कर दिया है। इसके अलावा हिंसा के अपराधों में भी शराब का बहुत बड़ा हाथ माना जाता रहा है । इसके बावजूद देश में दूध से ज्यादा शराब को लेकर चिंतित लोगों की लंबी कतारें लग जाना बहुत बड़ी खबर है। 

क्रमश:

 

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