उज्जैन। जिस मेडिकल बुलेटिन का इंतजार उज्जैन जिले के लाखों लोग सुबह शाम करते हैं, उस मेडिकल बुलेटिन को कितनी लापरवाही पूर्वक बनाया जा रहा है। यह खबर देखकर आप जान जाएंगे।
कोरोना काल में केवल सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है मेडिकल बुलेटिन। शहर हो या देहात, हर कोई मेडिकल बुलेटिन का इंतजार में रहता है। हालांकि मेडिकल बुलेटिन का कोई समय नहीं है लेकिन सुबह और शाम जारी हो रहा है। यह मेडिकल बुलेटिन जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ द्वारा जारी किया जाता है। यह उम्मीद की जाती है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन बिल्कुल सही होगा लेकिन आंकड़े सबको परेशान कर रहे हैं। मेडिकल बुलेटिन में लापरवाही बरती जा रही है।
गौरतलब है कि मेडिकल बुलेटिन में आज दिनांक तक के आंकड़े बताने का दावा किया जाता है लेकिन आप ध्यान से अगर मेडिकल बुलेटिन को देखेंगे तो इसमें कई गलतियां सामने आएगी। सबसे बड़ी गलती पॉजिटिव मरीजों को डिस्चार्ज किए जाने की संख्या पर देखकर भी आप समझ सकते हैं। उज्जैन जिले में अभी तक 57 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। सबसे पहले राबिया बी के परिवार के चार सदस्यों को छुट्टी दी गई थी। इसके बाद सात अन्य मरीजों को पीटीएस से रवाना किया गया, इतना ही नहीं कल आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से 25 और पीटीएस से 9 मरीजों को छुट्टी दी गई । सभी पॉजिटिव मरीजों की नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें घर रवाना किया गया। सबसे बड़ी बात यह है कि इन मरीजों को आईएएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में स्वागत कर रवाना किया गया। इसके बकायदा प्रेस नोट जारी हुए। यहां तक कि अधिकारियों ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कैमरे पर भी जानकारी दी।
इस प्रकार 57 पॉजिटिव मरीजों को अभी तक अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है लेकिन मेडिकल बुलेटिन केवल 23 संख्या बता रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आंखें मूंदकर मेडिकल बुलेटिन तैयार किया जा रहा है। इस मामले को लेकर जब प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क किया गया तो व्यस्तता के चलते उनसे बात नहीं हो पाई।
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह से आग्रह है कि मेडिकल बुलेटिन पर लोगों का विश्वास बना रहे इसलिए इस बुलेटिन की संख्या और आंकड़े पूरी तरह जांच पड़ताल के बाद ही जारी हो।